24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

दहेज रूपी धनुष तोड़ने के लिए रामरूपी नौजवानों की आवश्यकता

गढ़वा. त्रेता युग में धनुष यज्ञ हुआ था किंतु आज दहेज यज्ञ हो रहा है. दहेज के कारण आज घर-घर में पिता रो रहे हैं. उक्त बातें शहर के सहिजना स्थित बाबा सोमनाथ मंदिर में दुर्गा पूजा के अवसर पर आयोजित संगीतमय श्रीराम कथा के अवसर पर मंगलवार की रात्रि आचार्य मिथिला बिहारी शरण ने […]

गढ़वा. त्रेता युग में धनुष यज्ञ हुआ था किंतु आज दहेज यज्ञ हो रहा है. दहेज के कारण आज घर-घर में पिता रो रहे हैं. उक्त बातें शहर के सहिजना स्थित बाबा सोमनाथ मंदिर में दुर्गा पूजा के अवसर पर आयोजित संगीतमय श्रीराम कथा के अवसर पर मंगलवार की रात्रि आचार्य मिथिला बिहारी शरण ने कही. आचार्य श्री मिथिला शरण ने भगवान श्रीराम के विवाह की कथा की व्याख्या करते हुए कहा कि भगवान श्रीराम के विवाह में दशरथ जी को पता ही नहीं था कि दहेज क्या होता है.
जिस प्रकार भगवान श्रीराम ने धनुष तोड़ कर राजा जनक के संताप को मिटाया था, उसी प्रकार दहेज रूपी कठोर धनुष को तोड़ने के लिए समाज में रामरूपी नौजवानों की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम के चारो भाई अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष का प्रतीक है. कामरूपी लक्ष्मण के आगे मोक्ष रूपी भगवान रामचंद्र हैं. अर्थ रूपी शत्रुघ्न के आगे धर्म रूपी भरत हैं.

उन्होंने कहा कि मोक्ष से काम पवित्र होता है और धर्म से अर्थ पवित्र होता है. आचार्य ने कहा कि पुत्र एक कुल का उद्धार करता है तो पुत्री दो कुलों का उद्धार करती है. इस मौके पर भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह की अाकर्षक झांकी भी प्रस्तुत की गयी, जिसे उपस्थित लोगों ने खूब सराहा. मौके पर पूजा कमेटी के अध्यक्ष भुवनेश्वर प्रसाद सिंह, अजय कुमार सिन्हा, कौशलेंद्र तिवारी, अजित सिंह, रामवचन दुबे, रामाश्रय सिंह, वार्ड पार्षद सत्यवती देवी, अखिलेश तिवारी, मिथिलेश कुमार सिन्हा, अभय सिन्हा, कमलेश कुमार सिन्हा, प्रदीप वर्मा, नंद किशोर श्रीवास्ताव आदि उपस्थित थे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें