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हाल एसपीडी कॉलेज का, वाणिज्य संकाय को अनुदान से किया वंचित

गढ़वा: जिले के नगरऊंटारी अनुमंडल मुख्यालय स्थित शंकर प्रताप देव इंटर कॉलेज में प्राचार्य ने सरकारी अनुदान के वितरण में कॉलेज के वाणिज्य संकाय के शिक्षकों को अनुदान से वंचित करने को लेकर मामला उजागर हुआ है. कॉलेज के वाणिज्य संकाय के शिक्षक निखिल रंजन ने डीइओ गढ़वा व शासी निकाय के अध्यक्ष सह एसडीओ […]

गढ़वा: जिले के नगरऊंटारी अनुमंडल मुख्यालय स्थित शंकर प्रताप देव इंटर कॉलेज में प्राचार्य ने सरकारी अनुदान के वितरण में कॉलेज के वाणिज्य संकाय के शिक्षकों को अनुदान से वंचित करने को लेकर मामला उजागर हुआ है. कॉलेज के वाणिज्य संकाय के शिक्षक निखिल रंजन ने डीइओ गढ़वा व शासी निकाय के अध्यक्ष सह एसडीओ नगरऊंटारी को आवेदन देकर प्राचार्य पर जानबूझकर उन्हें अनुदान से वंचित करने के मामले में न्याय की गुहार लगायी है.

बताया गया कि उक्त कॉलेज में अनुदान के लिए शासी निकाय की सहमति के बगैर 2016- 17 का सरकारी अनुदान झारखंड अधिविध परिषद व मानव संसाधन विकास विभाग के मानदंडों व निर्देशन की अनदेखी कर अनुदान का वितरण प्राचार्य द्वारा ऐसे लोगों के बीच किया गया, जो अनुदान प्राप्त करने के अधिकारी नहीं है.

वहीं वाणिज्य विभाग के शिक्षक जो इसके लिए अधिकृत है, उन्हें अनुदान से वंचित कर दिया गया. भुक्तभोगी शिक्षक निखिल रंजन ने शासी निकाय के सदस्यों से बार-बार न्याय की गुहार लगायी, बावजूद इसमें कोई कार्रवाई नहीं हुई है तथा आवंटन नहीं मिलने से शिक्षक काफी आहत है. सूत्रों ने बताया कि प्राचार्य द्वारा कुछ ऐसे लोगों को अनुदान दिया गया, जो रेगुलर कोर्स में बीएड कर रहे हैं. यह नियम के विरुद्ध है. वहीं निखिल रंजन ने एसडीओ नगरऊंटारी को आवेदन देकर कहा है कि उनकी नियुक्ति झारखंड अधिविध परिषद के मानदंडों व अहर्ताओं के आलोक में हुई है, फिर भी उन्हें अनुदान से वंचित कर दिया गया. उन्होंने एसडीओ से अनुरोध किया है कि उक्त मामले में उचित कार्रवाई कर उन्हें न्याय दिलायी जाये. इसके अलावा उन्होंने डीइओ राम रतन राम को दिये आवेदन में कहा है कि वर्ष 2015- 16 में उन्हें अनुदान की राशि प्राप्त हुई थी, लेकिन इस वर्ष उन्हें अनुदान से वंचित कर दिया गया. उन्होंने आवेदन में कहा है कि बिना शासी निकाय की सहमति के झारखंड अधिविद्य परिषद के नियम अधिनियम व निर्देशों की अवहेलना कर वाणिज्य संकाय को छोड़कर अन्य लोगों के बीच अनुदान का वितरण एक सितंबर को ही कर दिया गया.

नियम संगत आवंटन किया गया है : प्राचार्य
कॉलेज के प्राचार्य कृष्ण मुरारी सिंह से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वाणिज्य का परीक्षाफल 40 प्रतिशत से कम है. अधिविद्य परिषद के नियम के अनुसार 40 प्रतिशत से कम परीक्षाफल वाले संकायों को अनुदान नहीं मिलता है, उन्होंने कहा कि कॉलेज के वाणिज्य संकाय में कम प्रतिशत का यह तीसरा वर्ष है . उन्होंने कहा कि अनुदान के वितरण में उन्होंने किसी भी तरह का नियम विरुद्ध कार्य नहीं किया है.
दोषी पाये जाने पर की जायेगी कार्रवाई : डीइओ
इस संदर्भ में शासी निकाय के सदस्य सह डीईओ रामयतन राम ने कहा कि यह साथी निकाय का मामला है और शासी निकाय की बैठक में जो शीघ्र होने वाली है उसमें वह इसे देखेंगे. उन्होंने कहा कि प्राचार्य के द्वारा अगर अनुदान के वितरण में नियम संगत कार्य नहीं किया गया है तो मामले की जांच होगी और इसमें दोषी पाए जाने पर संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी. डीईओ ने कहा कि उक्त कालेज हमेशा से विवादों में घिरा रहा है,उन्हें जो आवेदन मिला है उन सब मामलों को शासी निकाय में वे देखेंगे और बैठक में सभी पहलुओं पर चर्चा नहीं की जायेगी.

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