इसी बीच रेंजर मुन्ना राम पासवान अपने दो तीन लोगों के साथ आये और डांटते हुए लकड़ी काटने से मना किया और टांगी छीनने लगे. इसी बीच दोनों लड़कों ने लकड़ी काटने का कारण बताया. लेकिन वे नहीं सुने. दोनों तरफ से तू-तू, मैं-मैं होने लगी. इसी बीच रेंजर दोनों को गिरफ्तार कर गढ़वा ले गये. इस घटना की खबर गांव में पहुंची तो लोगो मे भारी आक्रोश व्याप्त हो गया़ इसके बाद पूर्व मुखिया का अंतिम संस्कार के लिये दोनों ने लकड़ी इकट्ठा कर उनका दाहस-संस्कार संपन्न कराया़ इस संबंध में जानकारी लेने पर बताया गया कि रेंजर ने दिवंगत पूर्व मुखिया के एक पोता धनन्जय यादव को वन अधिनियम के तहत जेल भेज दिया. जबकि दूसरे पोता सरोज यादव को छोड़ दिया है.
बताते चलें कि भवनाथपुर वन क्षेत्र से प्रतिदिन सैकड़ो हरी लकड़ियां काटी जाती हैं. इतना ही नहीं हजारों हेक्टेयर में वन कर्मचारियों कि मिलीभगत से पेड़ काट कर खेती की जा रही है. सरकारी मकान बनाये जा रहे है.लेकिन अंतिम संस्कार के लिए एक सूखे हुए पेड़ काटने पर रेंजर ने जेल भेज कर मानवता को शर्मसार करने का कार्य किया है. इससे मकरी पंचायत के लोगों में आक्रोश है. आक्रोशित लोगों का कहना है कि रेंजर के इस कार्रवाई के विरुद्ध वे आंदोलन करेंगे़