इनकी करनी का फल आदिवासी व मूलवासियों को भुगतना पड़ रहा है़ जल, जंगल व जमीन जो आदवासियों की पहचान रही है, उससे उन्हें बेदखल कर बहुराष्ट्रीय कंपनियों को सौंपा जा रहा है़ उन्होंने कहा कि लेकिन उनके रहते ऐसा नहीं होने दिया जायेगा़ आदिवासियों के नाम पर वोट पाकर सत्ता तक पहुंचे, अबतक के सभी मुख्यमंत्रियों ने आदिवासियों के कल्याण के लिए कोई काम नहीं किया है़.
सिर्फ चुनाव के समय ही झूठे नारे व आश्वासन दिये जाते हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा लाये गये सीएनटी व एसपीटी कानून में संशोधन के प्रस्ताव को वापस करने की मांग करते हुए कहा कि यदि ऐसा नहीं किया गया, तो इसका परिणाम भुगतना प़ड़ेगा़ कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष विश्वंभर सिंह खरवार तथा संचालन अमरूद्दीन अंसारी ने किया़ इस मौके पर उपरोक्त के अलावा भरदुल सिंह खरवार, राजेंद्र सिंह खरवार, राजेश कोरवा,ईमरिती देवी, सीमादेवी, सुरेंद्र परहिया, बंधु प्रजापति, अमीरा परहिया, शिव कुमार परहिया, नरेश भुइयां, रामदयाल सिंह खरवार, जगदयाल सिंह खरवार, शंभू खरवार, रामाधार खरवार, सूर्यदेव खरवार आदि उपस्थित थे़ उपायुक्त के माध्यम से राज्यपाल को भेजे गये मांगपत्र में वन अधिकार अधिनियम के तहत वंचित लोगों को पट्टा देने,भंडरिया प्रखंड के कुटकु डूब क्षेत्र के 34 गांव को बचाने के लिये फाटक नहीं लगाने, रमना के भागोडीह में पावर प्लांट से हजारों लोग विस्थापित हो जायेंगे, इसलिए पावर प्लांट का निर्माण बंद करने, जविप्र में गड़बड़ी को रोकने आदि की मांग शामिल है.