अवैध खनन को रोकने के लिए अधिकारी पूरी ईमानदारी से कार्य करने की दरकार है, सरकारी संपदा को बचाया जा सके. उपायुक्त ने अवैध उत्खन्न करने वालों को चिह्नित कर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया. बैठक में सबसे पहले खनन कार्य का पट्टा देने को लेकर दिये गये आवेदनों की जांच की गयी. उपायुक्त श्री गुप्ता ने स्थल जांच के बाद ही खनन पट्टा निर्गत करने का निर्देश दिया. उन्होंने खनिज पट्टा स्थल में स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैया कराने का भी निर्देश दिया. उपायुक्त ने पट्टाधारियों से स्थानीय निबंधित मजदूरों की सूची व ग्राम सभा की कॉपी जमा करवाने का भी निर्देश दिया. उन्होंने प्रत्येक छह माह में खनन क्षेत्र का जांच करने एवं नियम के तहत कार्य नहीं किये जाने पर संबंधित पट्टाधारियों के लाइसेंस को रद्द करने का निर्देश दिया. उपायुक्त श्री गुप्ता के द्वारा श्रम अधीक्षक सीओ व माइनिंग के अधिकारियों को कमेटी बना कर कैंप लगा मजदूरों का निबंधन कार्य करवाने का निर्देश दिया.
उन्होंने अंचल निरीक्षक के रिपोर्ट के आधार पर खनन पट्टा नहीं, बल्कि अंचलाधिकारी द्वारा कार्य स्थल का जांच रिपोर्ट के बाद ही पट्टा का आदेश निर्गत करने का निर्देश दिया. उपायुक्त ने अधिकारियों को खनन पट्टा देने के पूर्व पर्यावरण को नजर अंदाज नहीं करने की भी बात कही. बैठक में कमेटी बनाकर अवैध उत्खनन के खिलाफ छापेमारी करने का आदेश दिया. मौके पर एसडीएम शैलप्रभा कुजूर, जिला खनन पदाधिकारी सत्यजीत कुमार समेत अन्य कई लोग उपस्थित थे.