गालूडीह. घाटशिला प्रखंड की बड़ाकुर्शी पंचायत के दारीसाई सबर बस्ती में आठ व घुटिया सबर बस्ती में सात लोगों को पीएम जनमन योजना से पक्के मकान की स्वीकृति मिली है. बुधवार को संवेदक ने मकान निर्माण के लिए ले-आउट किया. पर दारीसाई सबर बस्ती के सबरों ने बुधवार को गड्ढानुमा जमीन पर आवास निर्माण के लिए ले-आउट करने पर विरोध जताया. बस्ती के सबरों ने बताया कि पुराने आवास के आगे ले-आउट किया गया है. उक्त जमीन बरसात के समय नाले का रूप ले लेती है. कई जगहों पर पानी के जमाव से तालाब जैसी स्थिति बन जाती है. गड्ढानुमा जगह है, अगर यहां आवास निर्माण किया गया तो हमें कोई फायदा नहीं होगा. क्योंकि बरसात के समय घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है. बारिश का पानी घर में घुसने से सामान नष्ट हो जाते हैं.
बस्ती में पानी निकासी की व्यवस्था नहीं
सबरों ने बताया कि बस्ती में पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं होने से बरसात में हर साल घरों में पानी घुस जाता है. घर में चूल्हा तक नहीं जलता है. सबरों मिट्टी भरकर जमीन को समतल कर आवास निर्माण की मांग की है. मालूम हो कि सबरों के नाम पर 15 मकान की स्वीकृति मिली है. दारीसाई और घुटिया सबर बस्ती में रहे रहे सबरों के आवास जर्जर हो गये हैं. हालत यह है कि बरसात में छत से पानी टपकता है. बस्ती में कई दशक पहले बने इंदिरा आवास जर्जर हो गये हैं. इन घरों में सबर परिवार जान जोखिम में डाल कर रहने को विवश हैं. विलुप्त होती आदिम जनजाति के सबरों को नया आवास नहीं मिला है. मौके पर सबिता सबर, शिव चरण सबर, छुटनी सबर, रवि सबर, दुखनी सबर, सोमबारी सबर, चेड़े सबर, रमणी सबर, अशोक सबर आदि उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है