Ghatsila By Election: घाटशिला उपचुनाव को जीतने के लिए सभी दलों ने जान झोंक दी है. शुक्रवार को बीजेपी और झामुमो दोनों दलों के प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल कर दिया. बीजेपी से बाबूलाल सोरेन मैदान में हैं, तो झामुमो की तरफ से सोमेश सोरेन चुनावी आखाड़े में हैं. नामांकन दाखिल करने के दोनों ही दोनों दलों ने चुनावी जनसभा को संबोधित भी किया. अब तो 14 नवंबर को ही पता चलेगा कि इस उपचुनाव में किसकी किस्मत चमकेगी. लेकिन इतिहास के पन्नों को पलटे तो 2018 के बाद हुए उपचुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा.
2018 के बाद 9 उपचुनाव हुए
साल 2014 के बाद से झारखंड में 9 उपचुनाव हुए. जिसमें 6 में झामुमो, 2 सीट पर कांग्रेस और 1 सीट पर आजसू ने जीत दर्ज की. जबकि बीजेपी का खाता शून्य रहा है. साल 2018 में हुए दो उपचुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था. गोमियो और सिल्ली में हुए इस इलेक्शन में झामुमो ने जीत दर्ज की थी. दरअसल ये उपचुनाव झामुमो के दो कद्दावर नेता अमित महतो और वर्तमान मंत्री योगेंद्र महतो को दो साल से अधिक की सजा होने के बाद हुई थी. इस उपचुनाव में अमित महतो की पत्नी सीमा महतो और योगेंद्र महतो की पत्नी बबीता महतो ने जीत दर्ज की थी.
Also Read: घाटशिला उपचुनाव: JMM-BJP ने दाखिल किए नामांकन, बाबूलाल बोले- मौजूदा सरकार से तंग आ चुके हैं लोग
2019 से 2024 के बीच 6 उपचुनाव हुए
फिर साल 2019 से 2024 के बीच 7 उपचुनाव हुए. जिसमें झामुमो ने 4, कांग्रेस ने 2 और आजसू ने 1 सीट पर कब्जा जमाया. दुमका से बसंत सोरेन ने जीत दर्ज की थी. जबकि मधुपुर से हफीजुल हसन अंसारी और डुमरी से स्व. जगरन्नाथ महतो की पत्नी बेबी देवी ने जीत दर्ज की थी. वहीं, झामुमो के सरफराज अहमद के अचानक इस्तीफे के बाद खाली हुई गांडेय सीट पर हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने जीत दर्ज की. जबकि कांग्रस ने मांडर और बेरमो से जीत दर्ज की. बेरमो से कांग्रेस प्रत्याशी अनूप सिंह ने जीत हासिल की, जबकि मांडर से बंधु तिर्की की बेटी शिल्पी नेहा तिर्की ने जीत दर्ज की. जबकि एक सीट रामगढ़ पर आजसू ममता देवी जीती. इस तरह से देखा जाए तो बीजेपी का खाता 2016 के बाद हुए उपचुनाव में शून्य रहा.
Also Read: झारखंड पुलिस की कामयाबी: दो इनामी नक्सली ने 200 जिंदा कारतूस के साथ किया सरेंडर

