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भाड़ा के लिए नहीं थे पैसे, सबर महिला का घर में हुआ प्रसव

धालभूमगढ़ : ममता वाहन संचालकों की 10 अगस्त से चल रही हड़ताल के कारण ग्रामीण क्षेत्र की गर्भवती माताओं को भारी परेशानी हो रही है. कई माताएं घर में ही प्रसव को विवश हो रही हैं. धालभूमगढ़ प्रखंड की रावताड़ा पंचायत के खड़ियाशोल में आदिम जन जाति सबर सोनिया सबर का 26 अगस्त को घर […]

धालभूमगढ़ : ममता वाहन संचालकों की 10 अगस्त से चल रही हड़ताल के कारण ग्रामीण क्षेत्र की गर्भवती माताओं को भारी परेशानी हो रही है. कई माताएं घर में ही प्रसव को विवश हो रही हैं. धालभूमगढ़ प्रखंड की रावताड़ा पंचायत के खड़ियाशोल में आदिम जन जाति सबर सोनिया सबर का 26 अगस्त को घर में प्रसव पीड़ा शुरू हुई. गरीबी के कारण वह अस्पताल आने के लिए वाहन की

व्यवस्था नहीं कर सकी. बिना चिकित्सा के घर में एक शिशु को जन्म दिया. परंपरा के मुताबिक नवजात की नाड़ तीर से काटी गयी. जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं.
सोनिया सबर ने बताया कि गरीबी के कारण वह अस्पताल जाने के लिए निजी वाहन भाड़ा पर नहीं ले सकी. सहिया ने कहा कि हड़ताल के कारण ममता वाहन नहीं मिलेगा. इसलिए वह पीड़ा से घर में प्रसव को विवश हुई. उसने बताया कि नवजात को किसी प्रकार की दवा या
सूई नहीं दी गयी है. जननी सुरक्षा योजना के 1400 रुपये का लाभ उसे मिल पायेगा या नहीं इसकी
जानकारी नहीं है. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ
असगर ने दूरभाष पर बताया कि आवश्यक कागजात होने पर सबर महिला को लाभ मिलेगा.

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