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दुमका : संताल परगना में पुलिस अधिकारी व जवानों की है भारी कमी

थानों में पुलिस बलों की कमी की वजह से गश्ती से लेकर अन्य कई तरह के काम प्रभावित होते हैं. रिजर्व गार्ड पर्याप्त नहीं रहने के कारण किसी भी आकस्मिक स्थिति में एक-दो गार्ड लेकर ही अधिकारी निकलते हैं.

दुमका : संताल परगना में लंबे समय से पुलिस पदाधिकारियों व जवानों की कमी है. हाल के वर्षों में दरोगा के पदों पर बहाली होने से रिक्तियों में कमी आयी थी, लेकिन बदलते दौर में फिर से पुलिस पदाधिकारी व जवानों कर कमी से महकमा जूझ रहा है. स्थिति ऐसी है कि इस प्रमंडल के कई थानों में रिजर्व गार्ड तक नही है. ऐसे में विधि-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न होने पर आसपास के थानों या जिला मुख्यालय द्वारा पुलिस लाइन से पुलिस पदाधिकारी व आरक्षी बलों को भेजना होता है. ऐसे में कई बार स्थिति भयावह और विकराल हो जाती है. संताल परगना के देवघर जैसे जिले, जहां सालों भर पर्यटकों-श्रद्धालुओं का आवागमन होता है, वीआइपी का मुवमेंट होता है, वैसे स्थल पर अकेले हवलदार के 135 व पुलिस बल के 339 पद खाली पड़े हुए हैं. इतना ही नहीं 71 अवर निरीक्षक (सब इंस्पेक्टर) व 101 सहायक अवर निरीक्षक(असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर) का पद खाली है. यहां इंस्पेक्ट जैसे अधिकारी के भी पांच पदों को खाली ही रखा गया है. यानी इस जिले में 39.20 प्रतिशत पद खाली पड़े हुए हैं. साहिबगंज जिला की भी स्थिति बहुत खराब ही है. वहां 29.11 प्रतिशत पदों को खाली रखा गया है. साहिबगंज जिले में हवलदार के 141 में 68 और पुलिस जवानों के 592 में से 132 पदों की रिक्ति है. वहीं 44 अवर निरीक्षक व 37 सहायक अवर निरीक्षक के पद भी यहां खाली ही हैं. दुमका जिले में 24.11 प्रतिशत रिक्त पड़े पदों में एसआई एवं एएसआई के 39-39, हवलदार के 34 व पुलिस आरक्षियों के 159 पद खाली पड़े हुए हैं.

गश्ती में कई बार एक गार्ड लेकर निकलते हैं अधिकारी

थानों में पुलिस बलों की कमी की वजह से गश्ती से लेकर अन्य कई तरह के काम प्रभावित होते हैं. रिजर्व गार्ड पर्याप्त नहीं रहने के कारण किसी भी आकस्मिक स्थिति में एक-दो गार्ड लेकर ही अधिकारी निकलते हैं. रात के गश्ती के दौरान भी कई बार स्थिति ऐसी होती है. यही वजह भी होती है कि अपराधकर्मी पुलिस के सामने से चकमा देकर निकल भागने में कामयाब हो जाते हैं. जिले में उपलब्ध पुलिस बलों की ही बड़ी संख्या ‘माननीय’ के बॉडीगार्ड के रूप में तैनात हैं. कुछ की डयुटी कोर्ट सहित अन्य संवेदनशील जगहों पर भी की गयी है. ऐसे में आम जनों की सुरक्षा के लिए 24X7 पुलिस की चौकसी नहीं नजर आती. पुलिस बलों की कमी के कारण गश्ती भी ढंग से नहीं हो पाती. ऐसे में पुलिस की कमी का भरपूर लाभ चोर, उचक्के व अपराधकर्मी जैसे तत्व उठाते हैं.

क्या कहते हैं पदाधिकारी

दुमका प्रक्षेत्र के डीआइजी सुदर्शन प्रासाद मंडल ने कहा कि संताल परगना में स्ट्रेंथ के अनुरूप बल की काफी कमी है. संताल परगना की जैसी डेमोग्राफी व टोपोग्राफी है, उसके अनुरूप बल नही है. विश्व प्रसिद्ध देवघर और बासुकिनाथ जैसे धार्मिक स्थल हैं, श्रद्धालुओं का सालोंभर आना होता रहता है. वीआईपी का मूवमेंट भी काफी होता है. इस बावत भी बल की कमी महसूस होती है. विभाग से अतिरिक्त बल की मांग की गयी है. जो बल क्यूआरटी के तौर पर हमें उपलब्ध कराये गये हैं, हम उसका भी उपयोग कर रहे हैं.

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