प्रतिनिधि, रानीश्वर रानीश्वर बाजार स्थित बस पड़ाव और आसपास के तीनों चापाकल खराब होकर बंद पड़े हैं. मरम्मत के लिए न तो पंचायत स्तर से कोई पहल की जा रही है और न ही पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की ओर से कोई कदम उठाया गया है. नतीजा यह है कि तीनों चापाकल बंद रहने के कारण प्रतिदिन बस पकड़ने आने वाले या बस से उतरने वाले यात्रियों को पीने के पानी के लिए परेशानी झेलनी पड़ रही है. जिनके पास पैसा है, वे बाजार से बोतलबंद पानी खरीदकर अपनी प्यास बुझाते हैं, लेकिन जिनके पास पैसा नहीं है, वे प्यासे रह जाते हैं. बस पड़ाव पर पानी की टंकी भी नहीं है. वर्षों पहले यहां एक पानी की टंकी बनाई गई थी, लेकिन पानी की सप्लाई नहीं होने के कारण उसे बाद में तोड़ दिया गया. बस पड़ाव और बाजार में तीन स्थानों पर चापाकल लगे हुए हैं, लेकिन तीनों ही खराब होकर बंद पड़े हैं. बाजार में पुराने एसबीआई बैंक के पास एक मात्र चापाकल चालू है, जबकि एक चापाकल खराब होकर बंद पड़ा है. इसी तरह, बस पड़ाव और पुराने बस पड़ाव के पास भी चापाकल खराब हो चुके हैं और उन्हें ठीक नहीं किया गया है. अगर ये चापाकल चालू हो जाएं, तो आसपास के दुकानदारों, प्रतिदिन बाजार आने वाले लोगों और बस यात्रियों को काफी सुविधा मिलेगी. ग्रामीण वंशीधर साधु का कहना है कि बाजार में चापाकल चालू रहने से पानी के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा. वहीं, स्थानीय निवासी शेख रियाज ने कहा कि बस पड़ाव पर खराब चापाकलों की मरम्मत के लिए पंचायत और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग को जल्द से जल्द पहल करनी चाहिए, ताकि प्रतिदिन बाजार आने-जाने वाले लोगों को पानी के लिए परेशानी न हो. हर किसी के लिए बोतलबंद पानी खरीदकर पीना संभव नहीं है.
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