संवाददाता, दुमका. चतुर्थ झारखंड गर्ल्स बटालियन दुमका के वार्षिक प्रशिक्षण शिविर में बहुआयामी गतिविधियां आयोजित की जा रही है. वार्षिक प्रशिक्षण शिविर का उद्देश्य बालिकाओं में अनुशासन, नेतृत्व क्षमता, और व्यापक कौशल विकास को बढ़ावा देना है. शिविर की अगुवाई कमांडिंग ऑफिसर कर्नल अनिल द्वारा की जा रही है. शिविर के प्रमुख आकर्षणों में से झारखंड आर्चरी एकेडमी दुमका द्वारा आयोजित तीरंदाजी कौशल का प्रदर्शन एवं उसकी बारीकियों को लेकर प्रशिक्षण भी है. जिसे प्रसिद्ध कोच सुमित कुमार एवं जितेन्द्र कुमार ने सीखा और इसे लेकर अहम जानकारी प्रदान की. प्रशिक्षकों ने न केवल तीरंदाजी के विभिन्न तकनीकी पहलुओं को प्रदर्शित किया बल्कि कैडेट्स को प्रेरित भी किया कि वे इस पारंपरिक और गौरवशाली खेल को अपनाएं. उनके सटीक निशानों और कौशल को देखकर कैडेट्स अवाक रह गईं और इससे गहरी प्रेरणा प्राप्त की. इसके अतिरिक्त पुलिस उपाधीक्षक इकुद डुंगडुंग ने कैडेट्स को साइबर सुरक्षा, ऑनलाइन ठगी से बचाव और यातायात नियमों पर व्याख्यान दिया. उन्होंने साइबर अपराधों की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त की और बताया कि कैसे जागरूकता एवं सतर्कता से इनसे बचा जा सकता है. आज के डिजिटल युग में जब साइबर खतरे तेजी से बढ़ रहे हैं. कैडेट्स को संबोधित करते हुए कर्नल अनिल ने कहा कि यह शिविर एक अद्वितीय अवसर है, जिसके माध्यम से कैडेट्स न केवल सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं, बल्कि जीवन कौशल, नेतृत्व क्षमता और राष्ट्रीय भावना का भी विकास कर रही हैं. उन्होंने कैडेट्स को आह्वान किया कि वे शिविर की प्रत्येक गतिविधि में पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ भाग लें और इसका अधिकतम लाभ उठाएं. शिविर में अन्य गतिविधियों में शारीरिक प्रशिक्षण, हथियार प्रशिक्षण, शैक्षणिक व्याख्यान, योग, खेलकूद एवं साहसिक कार्यक्रम शामिल हैं, जो कैडेट्स के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. यह वार्षिक प्रशिक्षण शिविर एनसीसी के उस दृष्टिकोण को साकार करता है, जिसमें युवाओं को देशभक्ति, आत्मानुशासन और सामाजिक उत्तरदायित्व से परिपूर्ण भावी नेतृत्वकर्ता के रूप में तैयार किया जाता है.
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