भूईफोड़ मंदिर परिसर में भारत सेवाश्रम संघ का 132वां वार्षिकोत्सव मना
विश्व शांति के लिए हुए वैदिक शांति यज्ञ का आयोजनउप मुख्य संवाददाता, धनबाद
भारत सेवाश्रम संघ के वार्षिकोत्सव पर भूईफोड़ मंदिर परिसर में आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम के अंतिम दिन रविवार को 250 साधकों ने दीक्षा ली. इस अवसर पर मुख्य अतिथि सह गया के प्रभारी स्वामी ध्यानेशानंद महाराज ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि पीड़ित मानवता की सेवा करना, दूर ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा देने के उद्देश्य से संघ के संस्थापक स्वामी प्रणवानंद जी महाराज ने 132 साल पहले संघ की स्थापना की थी. संघ से जुड़े सदस्य निःस्वार्थ भाव से इस काम में लगे हैं. कार्यक्रम की शुरुआत मंगलाचरण, गीता पाठ से हुई. उसके बाद स्वामी ध्यानेशानंद महाराज ने भक्तों को दीक्षा दी. वहीं संघ की ओर से आयोजित हिंदू धर्म संस्कृति शिक्षा सम्मेलन को भी वक्ताओं ने संबोधित किया.धर्म और संस्कृति के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनायें युवा
धर्म सम्मेलन को संबोधित करते हुए ध्यानेशानंद महाराज ने कहा कि युवाओं को धर्म और संस्कृति के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना होगा. सनातन धर्म सबसे पुराना और महान है. भारतवर्ष देवों की तपोभूमि है. उन्होंने कहा कि सेवा ही संघ का धर्म है. स्वामी प्रणवानंद जी महाराज ने संघ की स्थापना इस उद्देश्य की थी कि मानव जीवन सार्थक हो, सुखों से भर जाये. वहीं स्वामी प्रयागात्मानंद महाराज ने संघ की ओर से पिछड़े, दलित, आदिवासियों के लिए किये जा रहे सेवा कार्यों की जानकारी दी. मौके पर कोलकाता दूरदर्शन से आयी कलाकार चंदना पासवान ने क्रोध न छोड़ा, लोभ न छोड़ा.. सत्य वचन क्यों छोड़ दिया.. मधुर भजन गाया. स्वामी अंकुश महाराज ने मत कर तू अभिमान रे बंदे.. भजन प्रस्तुत किया. इस अवसर पर जरूरतमंदों के बीच कंबल बांटे गये और विश्व कल्याण के लिए वैदिक शांति यज्ञ किया गया. कार्यक्रम में जिला परिषद की अध्यक्ष शारदा सिंह, स्वामी अचलानंद महाराज, रेखा मंडल, खेदन महतो, स्वामी प्रयागात्मानंद महाराज एवं काफी संख्या में भक्तगण उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

