Dhanbad News: आइआइटी आइएसएम में शुक्रवार को ‘बिल्डिंग सेफर वर्कप्लेस: अंडरस्टैंडिंग द पोओएसएच एक्ट, 2013’ पर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया. जीजेएलटी में आयोजित कार्यशाला के सत्र का संचालन शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के डॉ पंकज केपी. श्रेयस्कर ने किया. कार्यशाला सभी कर्मचारियों, छात्रों, शोधार्थियों और प्रोजेक्ट स्टाफ के लिए खुली थी. अपने संबोधन में डॉ श्रेयस्कर ने कहा कि किसी भी संस्थान का सुचारू संचालन केवल कानूनों पर नहीं, बल्कि अच्छे प्रबंधन, पेशेवर नैतिकता और आपसी भरोसे पर निर्भर करता है. उन्होंने कहा कि उत्पादकता, ईमानदारी और बौद्धिक स्वतंत्रता वहीं फलती-फूलती है, जहां खुली चर्चा, स्वस्थ मतभेद और लोकतांत्रिक मूल्यों को महत्व दिया जाता है. उन्होंने कहा कि कई विवाद आपसी विश्वास की कमी से पैदा होते हैं,
डॉ श्रेयस्कर को किया सम्मानित
उन्होंने कहा कि पोओएसएच कानून के अंतर्गत कार्यरत समितियां अर्द्ध-न्यायिक ढांचे में काम करती हैं, इसलिए उनके निर्णय प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों पर आधारित होने चाहिए. किसी भी मामले में बिना सुनवाई और बिना खुले मन के निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए. शुरुआत में ऑफिसर/आईसी प्रेसीडिंग प्रो मृणालिनी पांडेय ने स्वागत संबोधन दिया. उप निदेशक प्रो. धीरज कुमार ने डॉ. श्रेयस्कर को सम्मानित किया. इस अवसर पर रजिस्ट्रार प्रबोध पांडे और डीन (एकेडमिक) प्रो एमके सिंह भी उपस्थित रहे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

