Dhanbad News : बीसीसीएल के कतरास क्षेत्र अंतर्गत कांटापहाड़ी स्थित मां अंबे आउटसोर्सिंग में शुक्रवार को भू-धंसान में सर्विस वैन के गिरने से हुई मौत मामले की उच्चस्तरीय जांच रविवार से शुरू हो गयी. रविवार को डायरेक्टरेट जनरल ऑफ माइंस सेफ्टी और कोल इंडिया के अधिकारियों ने घटनास्थल पर जांच-पड़ताल की. डीजीएमएस के अधिकारियों ने जहां घटनास्थल का गहन निरीक्षण किया, वहीं कोल इंडिया की ओर से आये एक अधिकारी ने भी अलग से स्वतंत्र रूप से जांच की. अधिकारियों ने घटनास्थल, आने-जाने के मार्ग, स्लाइडिंग स्थल और जमा लाखों गैलन पानी सहित सभी स्थलों का निरीक्षण किया. जांच टीम में कोल इंडिया की ओर से जांच अधिकारी बनाकर भेजे गये जीएम सेफ्टी कार्तिकेन भी शामिल थे. उन्होंने बताया कि बीसीसीएल से घटना की विस्तृत रिपोर्ट मांगी गयी है.
सातवें शव की पहचान संतोष तुरी के रूप में हुई, उसकी पत्नी अभी भी लापता
हादसे के बाद खदान से निकाले गये सातवें शव की पहचान भी रविवार को हो गयी. सुबह बुलबुल देवी नामक महिला रोती हुई आयी और उसने सातवें शव की पहचान अपने भाई संतोष तुरी के रूप में की. संतोष तुरी लकड़का 14 नंबर बस्ती में रहता था. पुनपुन देवी ने बताया कि वे दैनिक मजदूरी कर अपना घर परिवार चलाते हैं. हादसे के दिन संतोष तुरी और उसकी पत्नी सोनिया देवी जलावन के लिए कोयला लेने माइंस की तरफ गये थे. उसके बाद से दोनों लापता हो गये. वह उनकी खोज कर रहीं थी, इसी बीच उनको पता चला कि एक शव केंद्रीय चिकित्सालय में रखा हुआ है. वह वहां गयी, तो देखा कि शव उसके भाई का था. पुनपुन ने बताया उसकी भाभी सोनिया देवी अभी भी लापता है. उन्होंने अपनी भाभी को खोज निकालने की मांग की.राहुल रवानी के परिजनों का शव के साथ हंगामा, मुआवजे पर फिर हुई वार्ताइधर, हादसे में मृत आउटसोर्सिंग कंपनी के कर्मी बलियापुर पलानी निवासी राहुल रवानी के परिजनों ने रविवार को मुआवजा को लेकर हुए समझौते पर आपत्ति जतायी. परिजनों ने राहुल के शव को आउटसोर्सिंग कार्यालय के मुख्य द्वार पर रखकर प्रदर्शन किया. उनका कहना था कि शनिवार को मुआवजा एवं नियोजन पर हुई वार्ता में किसी को नहीं बुलाया गया था. वहां पर उनके समर्थन में विधायक जयराम महतो और भाजपा नेता धर्मजीत सिंह पहुंचे. लगभग 4:30 बजे विधायक बीसीसीएल के अंगारपथरा कार्यालय पहुंचे और प्रबंधन से वार्ता की. विधायक ने राहुल के आश्रित को एक करोड़ रुपये नगद मुआवजा और नियोजन देने की मांग की. प्रबंधन का कहना था कि यूनियन प्रतिनिधियों और मृतकों के अन्य परिजनों के साथ वार्ता हो चुकी है. उसमें सभी पक्ष सहमति पत्र पर हस्ताक्षर भी कर चुके हैं. काफी देर तक चली वार्ता के बाद विधायक ने मृतक के आश्रित को मुआवजे के रूप में और दस लाख रुपये एवं नियोजन के बदले एकमुश्त वेतन भुगतान करने की मांग रखी. इस पर प्रबंधन ने सहानुभूतिपूर्वक विचार करने पर सहमति जतायी. उसके बाद शव लेकर परिजन गये. वार्ता में आउटसोर्सिंग कंपनी के जीएम राणा चौधरी, बाघमारा सीओ के अलावा विधायक जयराम महतो, धर्मजीत सिंह, दीपक रवानी, विकास महतो, रमेश रवानी, अभिजीत महतो, हेमंत महतो, रजनी सिंह आदि शामिल थे.
आउटसोर्सिंग कंपनी का कार्यालय वीरान
घटना के बाद मां अम्बे आउटसोर्सिंग कंपनी का कार्यालय पिछले तीन दिनों से पूरी तरह वीरान पड़ा हुआ है. कंपनी के सभी कर्मचारी और अधिकारी रविवार को भी कार्यालय नहीं आये. उत्पादन भी हादसे के बाद से पूरी तरह ठप हो चुका है. उससे कंपनी को प्रतिदिन लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है. कुछ गाड़ियां और मशीनें परियोजनाओं में फंसे हुए हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

