विधि प्रतिनिधि,धनबाद
जिला उपभोक्ता आयोग धनबाद के अध्यक्ष ललित प्रकाश चौबे व सदस्य शिप्रा की खंडपीठ ने बुधवार को एक उपभोक्ता वाद में फैसला सुनाया. इसमें आयोग ने विपक्षी एक्जीक्यूटिव इंजीनियर झारखंड स्टेट हाउसिंग बोर्ड धनबाद को आदेश दिया कि वह परिवादी हाउसिंग कॉलोनी धनबाद निवासी सत्येंद्र नाथ सिंह द्वारा जमा करायी गयी अर्नेस्ट मनी 5000 को दस फीसदी वार्षिक ब्याज के साथ वापस करे. वहीं सेवा में कमी के लिए विपक्षी को एक लाख रुपये मुआवजा व वाद खर्च के रूप में 15000 रुपये का भुगतान करे. यह राशि का भुगतान दो माह के अंदर किया जाये. निर्धारित अवधि में उक्त राशि का भुगतान नहीं करने पर दस फीसदी वार्षिक ब्याज दर से भुगतान करना होगा.क्या है मामला
परिवादी सत्येंद्र नाथ सिंह इंडियन एयर फोर्स में कार्यरत थे. वह 21 नवंबर 1977 में रिटायर्ड हो गए. 13 मार्च 1992 को स्टेट हाउसिंग बोर्ड द्वारा एक स्थानीय दैनिक समाचार पत्र में प्लाट व फ्लैट खरीदारी को लेकर विज्ञापन छपवाया गया था. श्री सिंह ने 20.4.92 को हाउसिंग कॉलोनी धनबाद में डिफेंस कोटा में एमआइजी प्लॉट के लिए 25 रुपये जमा कर निबंधन कराया था. वहीं 8.5.92 को अर्नेस्ट मनी के रूप में 5000 रुपये का बैंकड्राफ्ट भी हाउसिंग बोर्ड के नाम से जमा किया. परिवादी ने प्लॉट के आवंटन के लिए कई बार आग्रह किया, लेकिन विपक्षी एक्जीक्यूटिव इंजीनियर ने परिवादी के नाम से प्लॉट आवंटित नहीं किया और न ही रुपये वापस किये गये. बाध्य होकर परिवादी ने उपभोक्ता आयोग धनबाद में वाद दायर कर न्याय की गुहार लगायी थी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

