– पूछ रहे मरीज : गरीब कहां जाकर करायें अपना इलाज
वरीय संवाददाता, धनबाद
आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों के लिए बड़ी राहत मानी जाने वाली आयुष्मान भारत योजना धनबाद के किडनी रोग मरीजों के लिए दर्द का कारण बन गयी है. मरीजों के इलाज के एवज में बीमा कंपनी से मिलने वाले पैसों का लंबे समय से भुगतान नहीं होने के कारण पहले ही विभिन्न अस्पतालों ने डायलिसिस सेवा बंद कर दी है. वर्तमान में आयुष्मान के मरीजों को नि:शुल्क डायलिसिस उपलब्ध कराने वाले एकमात्र अस्पताल, धनबाद नर्सिंग होम ने भी बकाया नहीं मिलने पर मरीजों के लिए सेवा बंद कर दी है. ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर मरीज परेशान हैं. स्वास्थ्य मंत्री से लेकर स्थानीय सांसद, स्वास्थ्य सचिव व उपायुक्त तक निजी अस्पतालों में डायलिसिस सेवा शुरू करने की गुहार मरीज लगा चुके हैं. मरीजों ने निजी अस्पतालों का बकाया भुगतान करने का आग्रह भी सभी अधिकारियों से किया. ताकि, बकाया मिलने पर निजी अस्पताल द्वारा गरीब मरीजों के लिए डायलिसिस सेवा फिर से शुरू कर दी जाये. इसका भी कोई असर होता नहीं दिख रहा है.एकमात्र सरकारी केंद्र में पहले से किडनी मरीजों का है लोड :
नि:शुल्क डायलिसिस के लिए आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए जिले में एकमात्र सहारा एसएनएमएमसीएच है. लेकिन यहां डायलिसिस केंद्र पहले से ही मरीजों से खचाखच भरा है. रोजाना सीमित स्लॉट में ही डायलिसिस हो पाती है. इस कारण नये मरीजों को कई दिनों तक इंतजार करना पड़ता है.मरीज के परिजनों में नाराजगी :
आयुष्मान के तहत जिलेभर के निजी अस्पतालों में डायलिसिस सेवा बंद होने से किडनी रोगी मरीजों के परिजनों में आक्रोश है. मरीज के परिजनों के अनुसार सरकारी भुगतान में देरी का सीधा असर जरूरतमंद मरीजों पर पड़ रहा है. डायलिसिस जैसी जीवन रक्षक सेवा का बाधित होना उनके लिए गंभीर खतरा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

