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गरीबों का पैसा कॉरपोरेट को दे रही सरकार : संघ
धनबाद : केंद्र सरकार बीमा क्षेत्र में एफडीआइ की सीमा 49 प्रतिशत करके विदेशी बीमा कंपनियों को बुला रही है. चुनाव में कॉरपोरेट को किये गये वायदे को सरकार पूरा करने में लगी है. गरीबों का पैसा इन घरानों के हाथों में सरकार दे रही है. इस कारण संघ एफडीआइ का विरोध कर रहा है. […]
धनबाद : केंद्र सरकार बीमा क्षेत्र में एफडीआइ की सीमा 49 प्रतिशत करके विदेशी बीमा कंपनियों को बुला रही है. चुनाव में कॉरपोरेट को किये गये वायदे को सरकार पूरा करने में लगी है. गरीबों का पैसा इन घरानों के हाथों में सरकार दे रही है. इस कारण संघ एफडीआइ का विरोध कर रहा है.
ये बातें बीमा कर्मचारी संघ हजारीबाग मंडल के महेंद्र प्रसाद ने कही. वह संघ के धनबाद एक, दो, चार, वेतन बचत योजना व गोविंदपुर बेस इकाई की संयुक्त वार्षिक बैठक के दौरान पत्रकारों से मुखातिब हो रहे थे. उन्होंने कहा कि 1999 में बीमा क्षेत्र में विनिवेश शुरू हुआ. इस समय कई बाहरी कंपनियां आयीं. उन्होंने लाइसेंस में सरकार से करार किया था कि 26 प्रतिशत दफ्तर ग्रामीण क्षेत्र में खुलेंगे, 26 प्रतिशत ग्रामीणों का बीमा होगा. लेकिन आज शहर में ही ये बड़ी कंपनियां लूट रही हैं.
एलअाइसी डायमंड जुबली वर्ष मना रहा है, एलआइसी ने बाहरवीं पंचवर्षीय योजना में 10 लाख करोड़ से अधिक योगदान दिया. अब सरकार इसे खत्म करने पर लगी है. मोदी सरकार एलआइसी की तरह जीआइसी की पांच कंपनियों का विनिवेशीकरण कर 11000 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है. इसके खिलाफ एलआइसी व जीआइसी जोरदार आंदोलन करेगा. इसकी रणनीति बनायी जा रही है. मौके पर एलएन गुप्ता, सुमित सिन्हा, संदीप आइच, वशिष्ठ नारायण सिंह, अलगु प्रसाद, देवाशीष चौधरी, नीरज कुमार, विनोद दिवाकर, विजय विश्वकर्मा, मंगल केरकेट्टा, वीरेंद्र बराट आदि मौजूद थे.
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