धनबाद: एक लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म किये जाने के मामले में सुनवाई शुक्रवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश षष्टम राम शर्मा की अदालत में हुई. अदालत ने आरोपी द्वय राजन सिंह व मो जावेद को भादवि की धारा 376 जी में दोषी करार देते हुए उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. अदालत ने सजा की बिंदु पर सुनवाई की अगली तिथि 29 मई निर्धारित की है.
आरोपियों ने वर्ष 2010 में बलियापुर थाना क्षेत्र के करमाटांड़ सीआइएसएफ कॉलोनी के कुछ दूरी पर एक सुनसान स्थान पर ले जाकर उक्त लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म व मारपीट की. घटना के बाद पीड़िता ने बलियापुर थाना में कांड संख्या 24/10 दर्ज करायी. यह मामला एसटी केस नंबर 311/10 से संबंधित है.
पूर्व थानेदार के साथ मारपीट मामले की सुनवाई
बरवाअड्डा के पूर्व थानेदार गिरिजेश कुमार के साथ हुई माररपीट के एक मामले की सुनवाई शुक्रवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एसके पांडेय की अदालत में हुई. अदालत में धनबाद के तत्कालीन डीएसपी (विधि- व्यवस्था) संजय रंजन हाजिर थे.
वहीं अन्य दो आरोपी धनबाद के पूर्व पुलिस अधीक्षक शीतल उरांव व पूर्व इंस्पेक्टर रामाशंकर सिंह गैरहाजिर थे. उनकी ओर से उनके अधिवक्ता शहनवाज ने दप्रसं की धारा 317 के तहत प्रतिनिधित्व आवेदन दाखिल किया. अभियोजन की ओर से शिकायतकर्ता के अधिवक्ता अनूप कुमार सिन्हा ने साक्ष्य के लिए समय की मांग की. अदालत ने सुनवाई की अगली तिथि 24 जून मुकर्रर कर दी है. आरोप के अनुसार 18 मार्च 08 को आरोपी पूर्व एसपी शीतल उरांव ने गिरिजेश कुमार को अपने आवासीय कार्यालय में बुलवाया. वहां जाने पर एसपी ने सर्विस रिवाल्वर जमा करने का आदेश दिया. उसके बाद एसपी, डीएसपी (विधि व्यवस्था ) व इंस्पेक्टर ने उनके साथ मारपीट की.
लोक अदालत में 219 मामलों का निबटारा
जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष सत्येंद्र कुमार सिंह के निर्देश पर शुक्रवार को सिविल कोर्ट परिसर में लोक अदालत लगायी गयी. इसमें 11 बेंच लगा कर 219 मामलों का निष्पादन किया गया. साथ ही, निर्धारित राशि 42 लाख, 94 हजार, पांच सौ में से 24 लाख,49 हजार दो सौ रुपये की वसूली की गयी. प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश सत्येंद्र कुमार सिंह ने सड़क दुर्घटना में मारे गये 10 लोगों के आश्रितों को 17 लाख, 80 हजार रुपये का चेक प्रदान किया. उक्त चेक विभिन्न बीमा कंपनियों द्वारा दिया गया था.
लोक अदालत में अपर जिला व सत्र न्यायाधीश आरएन तिवारी, पीके उपाध्याय, सिविल जज डीके पाठक, स्थायी लोक अदालत अध्यक्ष विजय शंकर सिंह, सिविल जज रमेश कुमार, एमपी मिश्र, एसडीजेएम सुभाष, रेलवे मजिस्ट्रेट रजनीकांत पाठक, न्यायिक दंडाधिकारी आनंद प्रकाश, एस बिरुआ व नीलाम पदाधिकारी अनुराग कुमार तिवारी, वहीं डालसा के पैनल अधिवक्ता अरुण कुमार सिंह, सुबोध कुमार, साकेत सहाय, पंकज कुमार वर्मा, सुधीर कुमार सिन्हा, पंचानंद सिंह, विक्रम हर्षवर्धन, अजय कुमार भट्ट, जय राम मिश्र व कृष्णकांत सिंह ने मिल कर कार्यो का संपादन किया. डालसा के सचिव डीके मिश्र व कोर्टकर्मी राजीव रंजन भी काफी सक्रिय दिखे.