बेरमो/ऊपरघाट . प्रतिबंधित भाकपा माओवादी के पूर्वी बिहार व पूर्वोत्तर झारखंड के जोनल कमांडर रामचंद्र महतो उर्फ जोधन उर्फ प्रमोद उर्फ चिराग दा का शव लेकर सोमवार की शाम उसके परिजन ऊपरघाट के पिपराडीह पहुंच गये. शव व परिजन जमुई से पुलिस की सुरक्षा में लाये गये. सोमवार की सुबह जमुई पुलिस ने जरूरी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद चिराग दा का शव उसके परिजनों को सौंप दिया.
पुलिस छावनी में तब्दील पिपराडीह : बिहार के जमुई जिले के कथावर व खिजरा पहाड़ पर पुलिस-नक्सलियों की मुठभेड़ में मारे गये भाकपा माओवादी के स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य सह जोनल कमांडर रामचंद्र महतो उर्फ जोधन उर्फ चिराग दा का शव सोमवार शाम लगभग 5.45 बजे नावाडीह थाना क्षेत्र के ऊपरघाट स्थित पिपराडीह गांव पहुंचा. शव के आने के पूर्व पुलिस ने सुरक्षा को लेकर जगह-जगह व्यापक व्यवस्था की थी. पिपराडीह स्थित चिराग के घर सहित पूरे गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था.
घर से आधे घंटे बाद ही उठी अरथी : शव पहुंचने के पूर्व सीआरपीएफ के कमाडेंट सुरक्षा बलों के साथ पिपराडीह स्थित चिराग के घर पहुंचे. उन्होंने घर सहित आसपास का पहले बारीकी से निरीक्षण किया. इसके बाद शव को मंगाकर घर के परिजनों के समीप रखा तथा दिखाया. लगभग आधे घंटे के बाद ही यहां से शव को अरथी में लादकर टेहरवाश्री झरना तट पर ले जाया गया. घाट पर अंतिम संस्कार का रस्म पूरा हुआ. पिता फागुन महतो ने पुत्र चिराग को मुखाग्नि दी. लगभग 12 वर्षों पूर्व ही चिराग जेल से घर आया था. आज चिराग का शव घर पहुंचा.
कई गांव से जुटे थे लोग : चिराग का शव आने की खबर सुनकर सोमवार को अलसुबह ही गांव में चहल-पहल बनी हुई थी. ग्रामीणों का आना-जाना लगा हुआ था. देर शाम शव पहुंचने के बाद पिपराडीह, नारायणपुर, काछो, कंजकीरो, पिलपिलो सहित आसपास के कई गांवों से महिला व पुरुष शव देखने पहुंचे. कई लोग शमशान घाट तक भी साथ में गये और अंतिम संस्कार में भाग लिया. चिराग के घर पर भाजपा नेता तारकेश्वर महतो भी पहुंचे तथा परिजनों से मिले. दिनभर लोग शव को देखने के लिए प्रतीक्षा करते रहे.
टोह में लगी रही पुलिस : शव आने के पूर्व रास्ते में पुलिस ने आने-जाने वाले वाहनों को रोककर गहन जांच की. लोगों की तलाशी ली. शमशान घाट जाने के क्रम में भी मोबाइल व वाहन की जांच की गयी. शव लाने के लिए जो परिजन साथ गये थे उनकी भी मोबाइल को पुलिस ने पूर्व में ही जब्त कर लिया था.
चिराग के कई परिजन पहुंचे : चिराग के पिपराडीह स्थित घर पर शव आने की खबर सुनकर संगे-संबंधी भी घर पर पहुंचे. इनमें चिराग की तीन बहन क्रमश: लुसिया, झालो देवी व मालो देवी के अलावा दो जीजा भी पहुंचे. उनकी तीनों बहन गोमिया थाना क्षेत्र के महुआटांड़ व सिधावारा अपने ससुराल से पहुंची थी.
एक बजे रात शव लेने पहुंचे परिजन
चिराग का शव लाने उनके पिता फागुन महतो, भाई धनेश्वर महतो, दादा वासुदेव महतो, लालधारी महतो, बाबूलाल महतो, रामचंद्र महतो व नारायणपुर के प्रयाग महतो बोलेरो से जमुई के आदर्श थाना रविवार रात्रि एक बजे पहुंचे. चिराग का शव वहां रखा हुआ था. यहां जमुई सदर के डीएसपी विजय कुमार ने इन्हें रिसीव किया. रात भर सभी को थाने में ही रखा गया. सुबह शिनाख्त के बाद जमुई के चरका पत्थर थाना प्रभारी भूत नारायण पहुंचे व परिचय लिया. परिजनों के वोटर आइकार्ड की जांच की. सभी का हस्ताक्षर लिया. इसके बाद बिहार डीजीपी के फोन आने के बाद भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच चिराग के शव को नावाडीह स्थित उसके घर पिपराडीह के लिए विदा किया गया.
चिराग के शव से पहचान के चिह्न थे गायब : सोमवार की सुबह आठ बजे शव का शिनाख्त कराने पर पिता व भाई ने कहा कि चिराग के दाहिने हाथ में गोदना के रूप में मछली का निशान नहीं था. साथ ही चिराग का एक दांत काफी पहले टूट गया. इसमें सोना का दांत लगा हुआ था वह दांत नजर नहीं आया. ऐसी स्थिति में यह स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता है कि शव उनके पुत्र चिराग का ही है.
18 थाना होकर आया शव : चिराग के शव को काफी सुरक्षा बल के साथ ऊपरघाट के पिपराघाट लाया गया. सुरक्षा में सीआरपीएफ, कोबरा, बीएमपी, असम राइफल्स के सैकड़ों जवान थे़ शव को जमुई, चकाई, सोने, मुंगेर, लखीसराय, गिरिडीह मुफस्सिल, बेंगाबाद, गिरिडीह टाउन, पीरटांड, डुमरी, निमियाघाट, नावाडीह, बेरमो, गांधीनगर, बोकारो थर्मल, पेक-नारायणपुर थाना होकर पिपराडीह लाया गया.
