धनबाद: होटल कारोबारी राम प्रसाद मंडल के बेटे प्रदीप मंडल अपहरण कांड के 21 दिन बीत गये. पुलिस किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची है. मोबाइल कॉल डिटेल व टेक्निकल अनुसंधान के सहारे पुलिस अपराधियों की खोज में बिहार, झारखंड, बंगाल, ओड़िशा, छतीसगढ़ व यूपी तक जा चुकी है. अपहरण के बाद से अभी तक छह मोबाइल नंबर से प्रदीप के पिता व पत्नी को कॉल आ चुके हैं.
फिरौती भी मांगी जा रही है और प्रदीप से परिजनों की बात भी करायी जा रही है. अपहर्ता लगातार फिरौती की रकम घटा रहे हैं. करोड़ों में मांगी जा रही रकम दो अंक से एक अंक में आ गयी है. अंतरप्रांतीय गिरोह के चुंगल में प्रदीप के होने की पुष्टि हो चुकी है.
पुलिस अनुसंधान में खुलासा हुआ है कि प्रदीप के परिजनों को जिस मोबाइल नंबर से फोन किया गया है, वे सभी सीम ओड़िशा से खरीदे गये. नंबर ओड़िशा के हैं लेकिन कॉल कोलकाता से किये जा रहे हैं. अलग-अलग सीम में अलग-अलग मोबाइल सेट का उपयोग किया जा रहा है. फिरौती की रकम मांग कर फोन को स्वीच ऑफ कर दिया जा रहा है.
पुलिस के लिए यह परेशानी बन रहा है. अनुसंधान में धनबाद पुलिस ने कोलकाता पुलिस से मदद मांगी है. एक डीएसपी के साथ जिले के आधा दर्जन थानेदार एक सप्ताह से कोलकाता में खाक छान रहे हैं. अपहर्ताओं की खोज में बिहार गयी पुलिस टीम बुधवार को धनबाद लौट गयी. बिहार में प्रदीप मंडल अपहरण कांड के बारे में पुलिस को कई नयी जानकारी हाथ नहीं लगी है.
उपेंद्र गिरोह पर शक!
छतसीगढ़ के इनामी अपराधी उपेंद्र सिंह उर्फ रमेश सिंह राजपूत गिरोह पर पुलिस को होटल कारोबारी के बेटे प्रदीप अपहरण का शक है. गिरोह से जुड़े अपराधियों की खोज में पुलिस बिहार, बंगाल व छतीसगढ में छापामारी कर चुकी है. छतीसगढ़ पुलिस के एक लाख के इनामी उपेंद्र व 30 हजार के इनामी उसके बेटे प्रीतम सिंह को 20 मार्च को गुरुनानकपुरा से पकड़ा था.