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डाकघरों में केवीपी सर्टिफिकेट नहीं, लौट रहे खरीदार

फोटो- डाक घर का फाइल धनबाद में संवाददाता, धनबाद कुछ दिनों पहले शुरू हुई किसान विकास पत्र (केवीपी)योजना अस्तित्व में आने से पहले ही दम तोड़ने लगी है. डाक घरों में केवीपी सर्टिफिकेट उपलब्ध नहीं रहने के कारण ग्राहक बैरंग लौट जा रहे हंै. धनबाद व बोकारो के कुल डाक घरों की संख्या 79 है. […]

फोटो- डाक घर का फाइल धनबाद में संवाददाता, धनबाद कुछ दिनों पहले शुरू हुई किसान विकास पत्र (केवीपी)योजना अस्तित्व में आने से पहले ही दम तोड़ने लगी है. डाक घरों में केवीपी सर्टिफिकेट उपलब्ध नहीं रहने के कारण ग्राहक बैरंग लौट जा रहे हंै. धनबाद व बोकारो के कुल डाक घरों की संख्या 79 है. रोजाना हजार से अधिक खरीदार निराश लौट रहे हैं. धनबाद के प्रधान डाक घर से रोजाना लगभग 30-40 ग्राहकों के लौट रहे हैं. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि योजना शुरू होने से पहले डाक विभाग ने केवीपी सर्टिफिकेट की छपाई नहीं करायी. सालों से पहले योजना बंद होने के बाद बचे हुए सर्टिफिकेट को खपाने के लिए डाक घरों में बिक्री के लिए भेज दिया गया, जो करीब एक माह पहले खत्म हो गया. क्या है केवीपी योजना ग्राहकों को रुपये के बदले किसान विकास पत्र के नाम का सर्टिफिकेट डाक विभाग उपलब्ध करता है. जो एक सौ माह में दो गुना हो जाता है. एक हजार, पांच हजार, दस हजार व 50 हजार का केवीपी डाक घरों से खरीदे जा सकते है. ढाई साल लॉकिंग पीरियड है. इसके बाद मिले ब्याज के साथ राशि ली जा सकती है. किसान विकास पत्र सर्टिफिकेट को बैंक में गिरवी रख कर लोन भी हासिल किया जा सकता है. कोट केवीपी सर्टिफिकेट खत्म हो गया है. इसकी सूचना मुख्यालय को भेज दी गयी है. अब नया सर्टिफिकेट आने के बाद ही बिक्री संभव है. सुनील कुमार चौरसिया (वरीय डाक पाल प्रधान धनबाद)

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