धनबाद : झारखंड कैडर के आइपीएस अधिकारी और वर्तमान में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गये राकेश बंसल की पत्नी मेघना बंसल ने फेसबुक पर झारखंड में रहने के दौरान अपनी पीड़ा से संबंधित एक पोस्ट किया है.
पोस्ट 24 अप्रैल का है और अंग्रेजी में है. उन्होंने लिखा है कि झारखंड में हमारा सफर कई सपनों, दृढ़ संकल्प और उसूलों के साथ 2007 में शुरू हुआ. एक ऐसी विचारधारा और विश्वास के साथ कि हम कुछ सकारात्मक परिवर्तन यहां के लोगों की जिंदगी में ला सकें. हमने कड़ी मेहनत के साथ अच्छे काम करने शुरू किये.
हमारा काम खुद बोल रहा था. हमने काम की बदौलत लोगों का दिल जीता, लेकिन निजी जीवन की कीमत पर. मेरे अकेलेपन के बारे भी किसी ने नहीं सोचा. मैं हर साल बच्चे का स्कूल बदलती रही, लेकिन इसके बावजूद हमने कभी चिंता नहीं की.
लेकिन बाद में एक ऐसा समय भी आया जब हम समझ गये कि हम जो भी सोच रहे हैं, वह बदहाल सिस्टम में लागू नहीं हो सकता है. हमने अपना उत्साह खोया, लेकिन उम्मीद नहीं. आखिरकार 10 साल बाद वह दिन आ ही गया, जब हमने अपनी उम्मीद भी खो दी. हमारी गरिमा खत्म हो गयी. सिस्टम के पक्षपात रवैये और व्याप्त भाई भतीजावाद का हमें शिकार होना पड़ा.
इसके बाद मुझे इस बात का एहसास हुआ कि हमने सिर्फ अपना बहुमूल्य समय बर्बाद किया. किसी ने सिस्टम के खिलाफ एक आवाज तक नहीं उठायी. अब हम झारखंड छोड़ कर जा रहे हैं, कुछ पुरानी यादों के साथ. हम बदल चुके हैं. हम परिवर्तन नहीं ला सके, लेकिन झारखंड ने मेरे अंदर बदलाव जरूर ला दिया है.