इसके बाद दीपक अपने कमरे में जाकर अंदर से बंद हो गया. घरवालों ने झांक कर देखा तो वह पढ़ रहा था. रात 11 बजे मां ने खाना खाने के लिए दरवाजा खोलने को कहा तो दीपक ने नहीं खोला. झांक कर देखा तो लाइट जल रही थी और दीपक पढ़ रहा था. पिता ने बोला छोड़ दो गुस्से में है, पढ़ रहा है. सुबह पांच बजे मां व पिता ने दरवाजा खोलने को कहा तो अंदर से कोई आवाज नहीं आयी. दरवाजा जोर-जोर से पीटने पर भी अंदर से कुछ नहीं कहा गया. लाइट बंद था इस कारण अंदर कुछ दिख नहीं रहा था.
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धनबाद में मां ने मोबाइल छोड़ कर पढ़ाई करने को कहा, तो बेटे ने लगा ली फांसी
धनबाद : मां ने मोबाइल में हमेशा व्यस्त रहने की बजाय पढ़ने की सलाह दी तो यह बात टीनएजर बेटे को इतनी नागवार गुजरी कि उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. घटना धनबाद थानांतर्गत बिशुनपुर का है. दीपक कुमार (17) सरस्वती विद्या मंदिर भूली में 12 वीं का छात्र था. मंगलवार को उसका शव उसके […]
धनबाद : मां ने मोबाइल में हमेशा व्यस्त रहने की बजाय पढ़ने की सलाह दी तो यह बात टीनएजर बेटे को इतनी नागवार गुजरी कि उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. घटना धनबाद थानांतर्गत बिशुनपुर का है. दीपक कुमार (17) सरस्वती विद्या मंदिर भूली में 12 वीं का छात्र था. मंगलवार को उसका शव उसके कमरे में फंदे से झूलता मिला. पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया. दीपक के पिता सुबोध सिंह होम गार्ड हैं.
सोमवार की शाम को दीपक को मोबाइल से बात करते देख मां ने कहा था कि पढ़ने के समय कभी मोबाइल पर बात करते हो, कभी गेम खेलते हो. मोबाइल पर ही बातचीत करते रहोगे तो पढ़ोगे कब.
पड़ोसी के छत से पता चला कि दीपक छत की कुंडी में गमछा से फांसी लगाकर झूल रहा है. घर में रोना-धोना मच गया. पुलिस व पार्षद को सूचना दी गयी. स्थानीय पार्षद अशोक पाल मौके पर पहुंचे. किवाड़ तोड़कर फंदे से दीपक का शव उतारा गया. घंटों बाद धनबाद थाना की पुलिस पहुंची. होमगार्ड जवान सुबोध के बयान पर धनबाद थाना में यूडी केस दर्ज किया गया. दीपक चार भाइयों में तीसरे नंबर पर था. पिता ने कहा िक बेटा प्रतिदिन तीन बजे सुबह जगकर कमरे में पढ़ता था. आज वह फंदे से झूल रहा था.
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