संवाददाता, देवघर : नगर निगम की लापरवाही एक बार फिर शहरवासियों पर भारी पड़ी है. सफाई मित्रों की हड़ताल और निगम की सफाई एजेंसी एमएमडब्लूएम द्वारा काम बंद करने से पूरे शहर की सफाई व्यवस्था चरमरा गयी है. दो दिनों से शहर के हर कोने में कचरे का अंबार लग गया है, जिससे न केवल दुर्गंध फैल रही है, बल्कि बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है. श्रद्धालुओं और स्थानीय नागरिकों को बेहद कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. मेला क्षेत्र से लेकर शहर के मुख्य चौक-चौराहों तक हर जगह कचरे के ढेर लग गये हैं. स्थिति यह है कि सड़कों पर लोग नाक पर रुमाल रखकर गुजरने को मजबूर हैं. उम्मीद जतायी जा रही है कि सोमवार से सफाई मित्र और एजेंसी दोनों काम पर लौट आयेंगे.
जगह-जगह कचरे के ढेर
शहर के मुख्य मार्ग और भीड़भाड़ वाले इलाकों में कचरे की दुर्गंध से लोग परेशान हैं. बाबा मंदिर के आसपास, शिवगंगा, पंडित शिवराम झा चौक, शिक्षा सभा चौक, लक्ष्मीपुर चौक, धोबिया टोला, बीएन झा रोड, विलियम्स टाउन, बंपास टाउन, थाना मोड़, वीआइपी चौक, बड़ा बाजार और उत्पाद विभाग कार्यालय के समीप में कचरे का ढेर जमा हो गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि सफाई व्यवस्था ठप होने से बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है.
कर्मियों का बकाया बना वजह
सफाई मित्रों की हड़ताल का मुख्य कारण उनके बकाये का भुगतान नहीं होना है. फेडरेशन के नेता संजय मंडल ने बताया कि निगम कर्मियों का इपीएफए करीब डेढ़ करोड़ रुपये और पीएफ 50 लाख रुपये बकाया है. इसके अलावा कर्मियों को एमएसपी का लाभ भी अब तक नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने कहा कि नगर आयुक्त के साथ कई दौर की बातचीत हुई है और अधिकांश बिंदुओं पर सहमति भी बन गयी है. कुछ मामलों पर बातचीत चल रही है. उम्मीद है कि सोमवार तक समाधान निकल जायेगा और सफाई मित्र काम पर लौट आएंगे.
सफाई एजेंसी भी काम से अलग
निगम की सफाई एजेंसी एमएमडब्लूएम ने भी भुगतान नहीं होने पर काम बंद कर दिया है. इससे शहर के आधे हिस्से में डोर टू डोर कचरा उठाव और डंप उठाव पूरी तरह से बंद रहा. तीन दिनों तक काम ठप रहने से लोगों को और परेशानी झेलनी पड़ रही है. नगर आयुक्त ने एजेंसी को एकमुश्त 30 लाख रुपये का भुगतान भी किया, लेकिन कर्मचारियों के खाते में पैसा क्रेडिट नहीं होने से काम शुरू नहीं हो पाया. अब संभावना जतायी जा रही है कि सोमवार से एजेंसी के कर्मी भी काम पर लौट आयेंगे.
लोगों में नाराजगी
हड़ताल और एजेंसी द्वारा काम बंद करने से आम लोग सबसे ज्यादा परेशान रहे. घरों से निकलने वाले कचरे का उठाव नहीं होने के कारण गलियों तक में गंदगी फैल गयी है. मेला क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं को भी इस समस्या का सामना करना पड़ा. स्थानीय लोगों ने निगम प्रशासन से स्थायी समाधान की मांग की है ताकि बार-बार ऐसी स्थिति नहीं बने. लोगों का कहना है कि हड़ताल की जिम्मेवारी पूरी तरह से निगम की है. जब नियम है की कर्मचारियों को हर महीने पीएफ एवं ईपीएफ का भुगतान करना है, तो निगम जानबुझकर राशि जमा नहीं करती है इससे आम लोगों को परेशानी होती है.
क्या कहते हैं नगर आयुक्त
सफाई मित्रों से बात हो चुकी है और उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार किया गया है. सोमवार से सभी सफाई कर्मी काम पर वापस लौट आयेंगे. वहीं एजेंसी को भी भुगतान पहले ही कर दिया गया है. उनके अपने आंतरिक कारणों से काम बंद था. जानकारी मिली है कि सोमवार से एजेंसी भी फिर से काम शुरू कर देगी.
रोहित सिन्हा, नगर आयुक्त,डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

