संवाददाता, देवघर : नगर विकास विभाग के सहायक निदेशक ने शुक्रवार को सभी नगर आयुक्त, एमसी व नगर प्रबंधक के साथ ऑनलाइन बैठक की. इसमें स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 के तहत स्वच्छता ही सेवा अभियान को गति देने के लिए नगरीय निकायों को निर्देश जारी किये गये. इसके अंतर्गत अब शहरों व कस्बों के सबसे गंदे स्थलों को क्लीनलीनेस टारगेट यूनिट (सीटीयू) के रूप में चिह्नित कर विशेष अभियान चलाया जायेगा. निर्देश के मुताबिक, नगर निकायों को वर्षभर गंदगी से भरे व उपेक्षित स्थलों की पहचान कर उसे जीआइएस प्लेटफॉर्म पर मैप करना अनिवार्य होगा. इसके बाद तय समय सीमा के भीतर कचरे की सफाई, परिवहन और निस्तारण की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी. अभियान में स्वच्छता एप के जरिए नागरिक भी सक्रिय भूमिका निभा सकेंगे. क्लीनलीनेस टारगेट यूनिट को तीन श्रेणियों में बांटा गया है. पहला लो इंटेंसिटी जिन्हें सात दिनों में साफ किया जा सकेगा1 दूसरा मीडियम इंटेंसिटी जिन्हें एक महीने में परिवर्तित किया जा सकेगा तथा तीसरा हाई इंटेंसिटी जिनमें पुराने डंपसाइट और लैंडफिल भी शामिल हैं और जिन्हें साफ करने में एक माह से अधिक समय लगेगा. इन स्थलों को सिर्फ साफ करने तक ही सीमित नहीं रखा जायेगा, बल्कि सौंदर्यीकरण, हरियाली, दीवारों पर चित्रकारी और सामुदायिक उपयोग के स्थलों में बदलने पर विशेष जोर दिया जायेगा. नगर निकायों को सीएसआर समूहों, एनजीओ, तकनीकी साझेदारों और स्वयंसेवी संगठनों को भी इस कार्य में जोड़ने के निर्देश दिये गये हैं. अभियान का उद्देश्य है कि गंदगी के अड्डों को न सिर्फ साफ किया जाये बल्कि उन्हें स्थायी रूप से कचरा मुक्त रखा जाये. इस संबंध में नगर आयुक्त रोहित सिन्हा ने कहा कि स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत चल रही यह विशेष मुहिम न केवल शहरों को सुंदर बनायेगी, बल्कि लोगों में नागरिक गर्व की भावना भी जगायेगी. हाइलाइट्स स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत की जायेगी सफाई
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