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Shravani Mela 2023 LIVE: श्रावणी मेला को लेकर देवघर से चल रही कई स्पेशल बसें, गेरुआ रंग से पटा बाबाधाम

झारखंड के देवघर में स्थित बाबाधाम द्वादश ज्योतिर्लिंगों में एक है. इसे मनोकामना लिंग भी कहा जाता है. कहते हैं कि इस मंदिर में आकर भक्त जो भी मांगता है, भगवान भोलेनाथ उसकी मुराद जरूर पूरी करते हैं. देवघर में हर साल एक महीने में श्रावणी मेला लगता है, जिसमें देश के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालु बाबा का जलाभिषेक करने आते हैं. इस साल मलमास होने के कारण श्रावणी मेला दो महीने का होगा. बाबाधाम की तरह दुमका स्थित बासुकीनाथ मंदिर भी प्रसिद्ध है. देवघर आने वाले श्रद्धालु बासुकीनाथ की भी यात्रा जरूर करते हैं, तभी कांवर यात्रा पूरी मानी जाती है. श्रावणी मेला 2023 से जुड़ी हर खबरों के लिए बने रहे हमारे साथ..

लाइव अपडेट

देवघर से गिरीडीह के लिए बसें

  • 0:40 बजे अहले सुबह में

  • 07:45 बजे दिन में

  • 09:00 बजे दिन में

  • 10:40 बजे दिन में

  • 10:55 बजे दिन में

  • 11:39 बजे दिन में

  • 12:00 बजे दिन में

  • 12:25 बजे दिन में

  • 01:05 बजे दिन में

  • 02:40 बजे दिन में

किराया प्रति व्यक्ति 120 रुपये

देवघर से कोलकाता और सिलीगुड़ी के लिए बसें

कोलकाता के लिए 

  • 7:00 बजे शाम में

  • 7:55 बजे रात में 

किराया प्रति व्यक्ति 500 रुपये

सिलीगुड़ी के लिए 

  • 11:00 बजे रात 

  • 11:30 बजे रात

किराया प्रति व्यक्ति 550 रुपये

देवघर से रांची के लिए खुलनेवाली बस बस का समय

  • 03: 40 बजे दिन में 

  • 04: 45 बजे दिन में 

  • 08:45 बजे दिन में 

  • 09:00 बजे दिन में

  • 10:00 बजे दिन में

  • 11:25 बजे दिन में 

  • 12:00 बजे दिन में

  • 01:00 बजे दिन में

  • 02:20 बजे दिन में 

  • 06:30 बजे संध्या में

  • 07:30 बजे रात में

  • 08:25 बजे रात में

  • 09:15 बजे रात में

  • 10:00 बजे रात में 

नोट: रांची के लिए एसी बस में प्रति व्यक्ति 450 रुपया एवं नॉन एसी में 400 रुपये

देवघर से कई स्पेशल बसें

देवघर में हर साल एक महीने में श्रावणी मेला लगता है, जिसमें देश के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालु बाबा का जलाभिषेक करने आते हैं. इस साल मलमास होने के कारण श्रावणी मेला दो महीने का होगा. कांवरियों और मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कई व्यवस्थाएं की गई हैं. देवघर से झारखंड के अलग-अलग जिलों के साथ कई राज्यों के लिए भी बस चलाई जा रही है.

गढ़वा में निकाली गयी भव्य कलश यात्रा

गढ़वा जिले के डंडई प्रखंड क्षेत्र के तसरार पंचायत में सावन के पावन अवसर पर तसरार, चकरी, टोरी कला गांव सहित अन्य गांव के श्रद्धालुओं ने गाजे-बाजे के साथ भव्य कलश यात्रा निकाली. कलश यात्रा में महिला, युवतियां, नौजवान समेत बच्चे जोगिया पहाड़ी शिव मंदिर प्रांगण में जमा हुए. इसके बाद श्रद्धालुओं की टोली ने शिवालय से विधिवत पूजा अर्चना कर कलश यात्रा शुरू की

देवघर में दो पेड़ा दुकानों को कराया गया बंद

श्रावणी मेला 2023 के दौरान देवघर में पेड़ा की गुणवत्ता को लेकर मंगलवार को अभिहित अधिकारी व खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी ने घोरामारा स्थित विभिन्न दुकानों का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान अभिहित अधिकारी सह एसीएमओ डॉ सीके शाही, जिला खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी संजय कुमार व धनेश्वर प्रसाद हेंब्रम की संयुक्त टीम ने प्रतिष्ठानों के खाद्य अनुज्ञप्ति की जांच की. जिला खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि चंदन पेड़ा भंडार व मेसर्स ललित पेड़ा भंडार के लाइसेंस की समय सीमा खत्म हो गयी थी, जिसे लेकर दाेनों प्रतिष्ठानों को बंद कराया गया.

श्रद्धालुओं की लगी है लंबी लाइन

राजकीय श्रावणी मेला, 2023 के दूसरे दिन सुबह 04:00 बजे मंदिर का पट खुलते ही जलार्पण शुरू हो गया और कांवरियों की कतार लग गयी. श्रद्धालुओं की लंबी लाइन तड़के सुबह क्यू कॉम्प्लेक्स होते हुए नेहरू पार्क तक पहुंच गयी थी. इन शिवभक्तों की गूंज से रूट लाईन गुंजायमान है, और सभी कांवरिया कतारबद्ध हो बाबा का जयघोष करते हुए निरंतर आगे बढ़ रहे हैं. साथ ही रूट लाईन के हर प्वाइंट पर श्रद्धालुओं के सुविधा और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी किये गये हैं. इसके अलावे जलार्पण हेतु कतारबद्ध कांवरियों को नेहरू पार्क, क्यू कॉम्प्लेक्स से मानसिंघी फुट ओवर ब्रीज होते हुए बाबा मंदिर के गर्भ गृह में लगे अर्घा के माध्यम से जलार्पण कराया जा रहा है.

श्रावणी मेला को लेकर देवघर सदर अस्पताल में 24 घंटे जांच की सुविधा

देवघर : श्रावणी मेला के दौरान सदर अस्पताल में मरीजों को 24 घंटे एक्स-रे, जांच और ड्रेसिंग की सुविधा मिलेगी. इसको लेकर सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ प्रभात रंजन ने पत्र जारी कर सदर अस्पताल और पीपीई मोड़ पर संचालित कंपनी के पदाधिकारियों को निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि मेला के दौरान हजारों श्रद्धालु बाहर से आते हैं. ऐसे में सदर अस्पताल आने वाले लोगों को परेशानी नहीं हो, इसके लिए मेला अवधि के दौरान पीपीई मोड पर संचालित एसआरएल लैब, हैल्थ मेप का एक्स-रे और सदर अस्पताल का ड्रेसिंग वार्ड 24 घंटे संचालित करने होगा, ताकि लोगों को इसकी सुविधा मिल सके.

मोकामा-जसीडीह के बीच चलेगी स्पेशल ट्रेन

देवघर. श्रावणी मेले में यात्रियों की सुविधाओं के लिए मोकामा से जसीडीह के बीच रोजाना मेला स्पेशल ट्रेन चलाने के निर्णय लिया गया है. यह जानकारी आसनसोल डिवीजन की ओर से दी गयी है. इसके तहत 03206 मोकामा-जसीडीह श्रावणी मेला स्पेशल मोकामा से पांच जुलाई से 31 अगस्त तक (58 ट्रिप) प्रतिदिन 09:15 बजे प्रस्थान करेगी और उसी दिन 11:45 बजे जसीडीह पहुंचेगी. वहीं 03205 जसीडीह-मोकामा श्रावणी मेला स्पेशल पांच जुलाई से 31 अगस्त तक (58 ट्रिप) प्रतिदिन 12:30 बजे जसीडीह से रवाना होगी और उसी दिन 15:25 बजे मोकामा पहुंचेगी.

शीघ्रदर्शनम का दर 500 रुपये

मेले के दौरान शीघ्रदर्शनम कूपन की दर पांच सौ रुपये है. यह व्यवस्था रविवार और सोमवार को छोड़ हर दिन जारी रहेगी. वहीं भीड़ को देखते हुए रविवार और सोमवार को कूपन जारी करने का निर्णय भी लिया जा सकता है.

बाबा मंदिर में बदल गई सारी व्यवस्थाएं, अरघा से हो रहा है जलार्पण

विश्व प्रसिद्ध, झारखंड का राजकीय श्रावणी मेला शुरू हो गया है. इसके साथ ही पूरे मेले तक बाबा मंदिर में सारी व्यवस्थाएं बदल गयी है. कांवरियों को सुलभ जलार्पण कराने के उद्देश्य से बाबा मंदिर में अरघा के माध्यम से जलार्पण कराया जा रहा है. वहीं, मंदिर अब हर दिन मेले के दौरान सुबह 03:05 बजे खुलेगा. पट खुलते ही 15 मिनट तक कांचा जल पूजा और उसके बाद करीब 40 मिनट तक सरकारी पूजा होगी. इसके बाद सुबह 03:45 बजे से आम कांवरियों के लिए अरघा के माध्यम से जलार्पण प्रारंभ हो जायेगा. वहीं सुबह छह बजे शीघ्रदर्शनम का गेट खोला जायेगा.

आम्रेश्वर धाम में डीसी ने किया श्रावणी मेले का उद्घाटन

खूंटी के आम्रेश्वर धाम में डीसी शशि रंजन, एसपी अमन कुमार, एसडीओ अनिकेत सचान ने पूजा अर्चना कर श्रावणी मेला का उद्घाटन किया. इस दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी थी.

दो माह तक रोजाना चलेगी देवघर-गोरखपुर स्पेशल ट्रेन

श्रावणी मेले के दौरान तीर्थयात्रियों की अतिरिक्त भीड़ को देखते हुए पूर्व रेलवे ने देवघर से गोरखपुर के बीच श्रावणी मेला विशेष ट्रेन चलाने का निर्णय लिया गया है. इसके अंतर्गत 05028 गोरखपुर-देवघर स्पेशल ट्रेन दो जुलाई से 31 अगस्त तक प्रतिदिन (61 फेरे) 20.00 बजे गोरखपुर से प्रस्थान करेगी और अगले दिन 12.40 बजे देवघर पहुंचेगी.

बाबाधाम के बाद बासुकीनाथ धाम की यात्रा जरूरी

झारखंड में बाबाधाम की तरह दुमका जिला में स्थित बासुकीनाथ मंदिर भी प्रसिद्ध है. कहा जाता है कि बाबाधाम दीवानी न्यायालय है और बासुकीनाथ हाईकोर्ट. अगर बाबाधाम में आपकी मनोकामना पूरी नहीं होती, तो बासुकीनाथ में अर्जी लगानी पड़ती है. इसलिए कांवर लेकर देवघर आने वाले श्रद्धालु बासुकीनाथ की भी यात्रा जरूर करते हैं. वहां बाबा बासुकीनाथ और मां पार्वती को जलार्पण करने के बाद ही कांवर यात्रा पूरी मानी जाती है. बाबाधाम की तरह बासुकीनाथ धाम में भी आमतौर पर श्रावण के महीने में एक माह के लिए मेला लगता है. अधिकमास, जिसे मलमास भी कहते हैं, पड़ जाये, तो दो महीने तक मेला लगता है. इसलिए इस साल श्रावणी मेला दो साल का है.

बाबाधाम में पूरी होती है सभी मन्नतें

झारखंड के देवघर में स्थित बाबाधाम द्वादश ज्योतिर्लिंगों में एक है. इसे मनोकामना लिंग भी कहा जाता है. कहते हैं कि इस मंदिर में आकर भक्त जो भी मांगता है, भगवान भोलेनाथ उसकी मुराद जरूर पूरी करते हैं. कई मायने में यह मंदिर अन्य ज्योतिर्लिंगों में खास है. यह एकमात्र ज्योतिर्लिंग है, जहां शिव के संग शक्ति भी विराजमान हैं. यानी शिव और पार्वती दोनों का मंदिर बाबाधाम में है. इसलिए बाबाधाम को शक्तिपीठ भी कहते हैं. श्रावण माह में बिहार के भागलपुर जिला में स्थित सुल्तानगंज की उत्तर वाहिनी गंगा से भक्त गंगाजल लेकर कांवर उठाते हैं और बोल बम, बोल बम करते हुए पैदल देवघर तक की 107 किलोमीटर की कांवर यात्रा करके देवघर स्थित बाबाधाम में बाबा बैद्यनाथ का जलाभिषेक करते हैं. इस दौरान भक्त सात्विक भोजन करते हैं. बाबा की भक्ति में दिन-रात बिताते हैं. देवघर में हर साल एक महीने का श्रावणी मेला लगता है, जिसमें देश के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालु बाबा का जलाभिषेक करने आते हैं. अधिकमास या मलमास होने पर श्रावणी मेला दो महीने का हो जाता है.

भगवान शिव के प्रिय महीने की हुई शुरुआत

आज से भगवान शिव के प्रिय महीने सावन की शुरुआत हो गई है. इसे लेकर विभिन्न शिवालयों और मंदिरों में साज-सज्जा की गयी है. अधिकतर मंदिरों के पट सुबह पांच बजे ही खोल दिए गए हैं. इसके बाद दिनभर जलाभिषेक होगा. कई मंदिरों में रूद्राभिषेक और विशेष पूजा की तैयारी है. इधर, सावन को लेकर बाजारों की रौनक भी बढ़ गयी है. गेरुआ वस्त्रों और पूजन सामग्री से बाजार पट गया है.

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