देवघर: गरीबों को मुफ्त स्वास्थ्य लाभ दिलाने का सरकार का दावा इन दिनों देवघर जिले में खोखला साबित हो रहा है. रोजगार के लिए बाहर पलायन कर गये यहां के युवा महानगरों से डेंगू जैसे खतरनाकर रोग लेकर आते हैं और यहां सदर अस्पताल में उनका इलाज तक नहीं हो पाता है. स्थिति यह है […]
देवघर: गरीबों को मुफ्त स्वास्थ्य लाभ दिलाने का सरकार का दावा इन दिनों देवघर जिले में खोखला साबित हो रहा है. रोजगार के लिए बाहर पलायन कर गये यहां के युवा महानगरों से डेंगू जैसे खतरनाकर रोग लेकर आते हैं और यहां सदर अस्पताल में उनका इलाज तक नहीं हो पाता है. स्थिति यह है कि सदर अस्पताल के पैथोलॉजी में ओपीडी के मरीजों की डेंगू जांच होती ही नहीं.
अगर स्वास्थ्य विभाग के साथ अनुबंध पर अस्पताल परिसर में खोले गये एसआरएल जांच घर में मरीज जाते हैं तो उनसे डेंगू ब्लड जांच में 1650 रुपये वसूले जाते हैं. जानकारों की माने तो उक्त पैथोलॉजी में सभी जांच मरीजों के 30-40 प्रतिशत शुल्क पर किये जाने का नियम है. ऐसे में सदर अस्पताल इलाज कराने हेतु पहुंचने वाले गरीब मरीज पैसे के अभाव में जांच तक नहीं करा पाते हैं. स्वास्थ्य अधिकारियों के पास मरीजों व परिजनों द्वारा अनुनय-विनय किये जाने के बाद भी उनका जांच नहीं हो पाती है.
क्या कहते हैं अस्पताल प्रबंधक
सदर अस्पताल के पैथोलॉजी में कम किट है, इसलिए सिर्फ भरती मरीजाें को ही डेंगू जांच की मुफ्त सेवा दी जाती है. वैसे ओपीडी मरीजों की जांच हेतु प्रस्ताव स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों को भेजेंगे. स्वीकृति मिलते ही सेवा बहाल की जायेगी.
चंद्रशेखर महतो,
सदर अस्पताल प्रबंधक
कहते हैं एसआरएल के मैनेजर
सरकार द्वारा हुए अनुबंध के तहत सीजीएचएस सूची में डेंगू शामिल नहीं है. इसलिए जांच में मरीजों को करीब 1700 रुपये लगते हैं. वैसे कंपनी व स्वास्थ्य विभाग को फीडबैक दिये हैं, सहमति प्राप्त होने पर डेंगू जांच शुल्क में कमी हो सकती है.
चेतन झा, मैनेजर, एसआरएल जांच घर सदर अस्पताल