कई ऊपरी इलाके में फसलें झुलसने भी लगी है. धान में समय पर बालियां नहीं आ रही है. धान को पोषक तत्व नहीं मिलने से पैदावार प्रभावित हो सकती है. अगर अगले कुछ दिनों में पर्याप्त बारिश नहीं हुई तो धान की फसलें सूख भी सकती है. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार धान की फसलों की हरियाली बनाये रखने के लिए खेतों में लगभग डेढ़ से दो ईंच पानी की जरूरत है, जब तक धान में पूरी तरह बालियां नहीं आ जाती है, खेतों में नमी आवश्यक है. वर्तमान में जिस प्रकार से तीखी धूप हो रही है, इससे किसानों की चिंता बढ़ गयी है. जहां सिंचाई के संसाधन हैं, वहां किसानों ने धान की फसलों में सिंचाई भी शुरू कर दी है. ताकि धूप से पीलापन होने से धान को बचाया जा सके.
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बारिश के अभाव में धान की फसल हो रही प्रभावित
देवघर. शुरुआती दौर में हुई बारिश की वजह से देवघर जिले में अच्छी धनरोपनी हुई. कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में 81 फीसदी रोपनी हुई है. लेकिन पिछले 10 दिनों से पर्याप्त बारिश नहीं होने की वजह से धान की फसलें प्रभावित हो रही है. भादो माह की तीखी धूप ने धान के […]
देवघर. शुरुआती दौर में हुई बारिश की वजह से देवघर जिले में अच्छी धनरोपनी हुई. कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में 81 फीसदी रोपनी हुई है. लेकिन पिछले 10 दिनों से पर्याप्त बारिश नहीं होने की वजह से धान की फसलें प्रभावित हो रही है. भादो माह की तीखी धूप ने धान के फसलों में असर डाला है. धूप की वजह से फसल पीली हो रहा है.
जिंक का करें छिड़काव : कृषि वैज्ञानिक
कृषि विज्ञान केंद्र सुजानी के कृषि वैज्ञानिक पीके सिंह ने बताया कि बारिश अति आवश्यक है. धान की फसलों को पर्याप्त पानी नहीं मिलने से पोषक तत्व धान को नहीं मिल रहा है. पोषक तत्व नहीं मिलने से धान में पीलापन छा रहा है. किसानों को धान को पोषक तत्व देने के लिए फसलों में जिंक का छिड़काव करना चाहिए. बाजार में खाद-बीज की दुकान से जिंक की खरीदारी कर पांच लीटर पानी में एक किलो जिंक का मिश्रण कर फसलों में छिड़काव करें. इससे फसल को पोषक तत्व मिलेगा.
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