कोर्ट ने भादवि की धारा 143 में दोषी पाकर छह माह व पांच सौ रुपये का जुर्माना लगाया. जुर्माना की राशि नहीं देने पर 15 दिन की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. साथ ही धारा 427 में दोषी पाकर दो साल की सजा व पांच सौ रुपये का जुर्माना, धारा 506 में दोषी पाकर दो साल की सश्रम सजा व पांच सौ रुपये जुर्माना लगाया. जुर्माना की राशि नहीं देने पर तीन माह अतिरिक्त कैद काटनी होगी. सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी.
कुल जुर्माना 1500 रुपया प्रत्येक आरोपित को भरना होगा. इस मामले में अभियोजन पक्ष से कुल सात लोगों ने गवाही दी थी और घटना का समर्थन किया था. इस केस में अभियोजन पक्ष से सहायक लोक अभियोजक सत्येंद्र कुमार राय तथा बचाव पक्ष के अधिवक्ता काशी प्रसाद यादव ने पक्ष रखा. भूतनाथ यादव जिला परिषद सदस्य हैं तथा कई श्रमिक संगठनों से जुड़े हैं.
इसी क्रम में भूतनाथ यादव 20-25 लोगों के साथ पहुंचे और गाली-गलौज व मारपीट करना आरंभ कर दिया. घटनास्थल पर ट्रैक्टर क्षतिग्रस्त कर दिया एवं करीब दो लाख रुपये का सामान क्षतिग्रस्त कर दिया. वाहन भी क्षतिग्रस्त कर दिया. यह घटना 18 दिसंबर 2008 को अराजीढाबी में घटी थी. पुलिस ने इस केस में अनुसंधान के बाद आरोप पत्र दाखिल किया और केस का ट्रायल हुआ. सात साल के बाद इस केस में न्यायालय से फैसला अाया.