फोटो दिनकर के फोल्डर में कथा के नाम सेकैप्सन : कथा करते बाल व्यास राघवेंद्राचार्य संवाददाता, देवघरसंत के पास सभी समस्याओं का निदान है. उनके पास अपनी समस्या खुल कर रखनी चाहिए. उक्त बातें वृंदावन के बाल व्यास राघवेंद्राचार्य ने कही. आचार्य जी बैद्यनाथपुर-रामपुर में आयोजित भागवत कथा में प्रवचन दे रहे थे. उन्होंने कहा कि यह संसार क्षणभंगूर है. यह शरीर हड्डी, मांस व रूधिर का बना स्थूल पिंड है. जिसे अपना मानते हैं वह अपना नहीं है. संत के सामने पुत्र, पिता, बड़ा-छोटा, जाति-पाति से ऊपर उठ कर जायें. अपने पुत्र गोकरण के सामने पिता आत्मदेव अपनी समस्या लेकर गये. संत गोकरण ने पिता को सुंदर वेदांत दर्शन का उपदेश दिया. पिता जी को हाड़-मांस के शरीर को धर्म में लगाने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि पत्नी, पुत्र के ममत्व में नहीं पड़े. यह शरीर धर्म करने के लिए मिला है. यदि धर्म नहीं करते हैं तो शरीर अधर्म हो जायेगा. इसमें मुख्य यजमान विश्वनाथ यादव-पत्नी अंजली देवी हैं. इसे सफल बनाने में मीडिया प्रभारी विनोद वर्मा, अध्यक्ष डा अमृत प्रसाद मंडल, कैलाश मंडल, मिथिलेश कुमार, किशोर दास, हरेंद्र दास, शिव कुमार केसरी, शीलधर चौधरी, श्याम सुंदर गुप्ता, अशोक चौधरी, रमेश कुमार झा, विनोद साह, डा विनोद मंडल, भगलु दास, रानी देवी, दिनेश्वर प्रसाद सिंह, प्रभु दयाल शर्मा, विश्वानंद कुमार, संजय जायसवाल, राकेश जायसवाल, वीरेंद्र दास, रमेश कुमार हरि आदि जुटे हैं.
संत के सामने अपनी समस्या रखें : बाल व्यास राघवेंद्राचार्य
फोटो दिनकर के फोल्डर में कथा के नाम सेकैप्सन : कथा करते बाल व्यास राघवेंद्राचार्य संवाददाता, देवघरसंत के पास सभी समस्याओं का निदान है. उनके पास अपनी समस्या खुल कर रखनी चाहिए. उक्त बातें वृंदावन के बाल व्यास राघवेंद्राचार्य ने कही. आचार्य जी बैद्यनाथपुर-रामपुर में आयोजित भागवत कथा में प्रवचन दे रहे थे. उन्होंने कहा […]
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