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पंडा धर्मरक्षिणी का चुनाव 18 नवंबर को

देवघर : पंडा धर्मरक्षिणी सभा का चुनाव 18 नवंबर को होगा. इसकी घोषणा चुनाव समिति के अध्यक्ष महादेव द्वारी ने प्रेस वार्ता में की. इसी दिन मतगणना भी होगी तथा सभी पदों के विजयी उम्मीदवारों की घोषणा देर रात्रि तक कर दी जायेगी. चुनाव कमेटी के अध्यक्ष श्री द्वारी ने सभा कार्यालय में पत्रकारों को […]

देवघर : पंडा धर्मरक्षिणी सभा का चुनाव 18 नवंबर को होगा. इसकी घोषणा चुनाव समिति के अध्यक्ष महादेव द्वारी ने प्रेस वार्ता में की. इसी दिन मतगणना भी होगी तथा सभी पदों के विजयी उम्मीदवारों की घोषणा देर रात्रि तक कर दी जायेगी. चुनाव कमेटी के अध्यक्ष श्री द्वारी ने सभा कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि 21 सितंबर को मतदाता सूची का प्रकाशन किया गया.
इसमें किसी भी तरह की त्रुटि होने पर 28 सितंबर तक शिकायत कर सकते हैं. 30 सितंबर को आपत्ति का निष्पादन किया जायेगा. वैध मतदाता सूची तीन अक्तूबर को प्रकाशित की जायेगी. 20 अक्तूबर से तीन दिनों तक नामांकन पत्र वितरण तथा नामांकन किया जायेगा. नामांकन पत्रों की जांच कर 23 अक्तूबर को सूची प्रकाशित की जायेगी. 25 तक नाम वापसी की अंतिम तिथि रहेगी.
26 को चुनाव चिह्न आवंटित किया जायेगा. 16 नवंबर शाम सात बजे ही उम्मीदवार प्रचार-प्रसार कर सकेंगे. इसके बाद 18 नवंबर को चुनाव होगा. चुनाव समाप्ति के बाद मतगणना शुरू हो जायेगी. मौके पर चुनाव कमेटी के सभी सदस्य मौजूद थे.
आ ज चुनाव समिति ने चुनाव के तिथि की घोषणा कर दी है. 18 नवंबर से चुनावी प्रक्रिया और आचार संहिता आज से विधिवत शुरू हो गयी है. सभा का यह सबसे अधिक मतदाताओं वाला चुनाव है. 2013 की तुलना में आज संचार माध्यम और खास कर सोशल मीडिया, संवाद के सुपरिचित और स्वीकृत जरिये हैं, लेकिन फेसबुक पर व्यक्त तेवरों, मंशाओं और अल्हड़पन ने हमें निराश भी किया है और सतर्क भी.
बहस, नोंक-झोंक, कभी-कभी सभ्यता की सीमाओं का उल्लंघन, ये या तो होता है या कहिये, हो जाता है. समर्थन-विरोध के चुनावी गीतों और सार्थक-निरर्थक बहसबाजियों का ही बोलबाला रहता है. यह तो किसी भी स्तर के चुनाव के अनिवार्य हिस्से हैं. हर कोई स्वतंत्र है अभिव्यक्ति के लिए, लेकिन लेकिन लेकिन ….याद रखें इस चुनाव पर नजदीकी और दूर की कई आंखें गड़ी रहेंगी.
हम एक उदाहरण देंगे अपनी परिपक्व सभ्यता का, सलीके का, सामाजिकता का. हमारा समाज अभिभावक है इस शहर का और अभिभावक का हस्ताक्षर इस बार भी बुलंद रहे, इस महान समाज की गरिमा कदापि इस चुनाव के कारण धूमिल न हो,यह हमारी पहली जिम्मेवारी होगी.
सोशल मीडिया का उपयोग अपना पक्ष सकारात्मक रूप से रखने के लिए हो न कि मुद्दों से भटके हुए व्यक्तिगत दोषारोपणों पर. जो भी उम्मीदवार और उनके समर्थक हों, कृपया मर्यादित भाषा और लेखन से बंधे रहें. और सौ बात की एक बात, यह संपर्क यज्ञ है, धरातल पर, मतदाताओं के बीच जाकर अपना सकारात्मक पक्ष रखें. एकमात्र और अंतिम निर्णायक वही हैं.
विशेषज्ञ कहते हैं कि समाज का मानसिक विभाजन चुनाव का साइड इफेक्ट होता है पर शुक्र है कि क्षणभंगुरता के साथ. यह हमारे घर की लोकतांत्रिक प्रतियोगिता है. खिलाड़ी, टीम, समर्थक, पक्ष-विपक्ष और न जाने क्या-क्या? पर हमें विवेक को सजग रखना होगा, खासकर युवाओं से मेरी व्यक्तिगत करबद्ध प्रार्थना है कि वो ये जिम्मेवारी लें कि आगामी चुनाव हमारी बौद्धिक परिपक्वता, हमारी संस्कृति, हमारे उच्च शैक्षणिक स्तर और हमारी शराफत के लिए याद किया जाये. जो भी अपनी बात कहनी है, मतदाताओं को कहें. अन्यत्र एवं अन्यथा अपनी ऊर्जा नष्ट नहीं करें. यह पर्व सुगमता से सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न हो, भोलेनाथ से यही प्रार्थना है. आइए अपना-अपना दायित्व निभाएं.

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