- देवघर गोशाला में हो चुकी है अब तक 50 गायों की मौत
- सरकार को नहीं मिली डीसी की अनुशंसा
- डीसी से मांगी गयी है गायों के भोजन के लिए अनुशंसा-पत्र
- गोसेवा आयोग ने मांगी है अनुशंसा-पत्र
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सरकारी प्रक्रिया में फंस कर हो रही गोशाला में गायों की मौत, मंत्री ने कहा – पैसे की कमी नहीं
देवघर : बाबानगरी के गोशाला में सरकारी प्रक्रिया में फंस कर एक माह के दौरान 50 से अधिक गायों की मौत हो चुकी है. गोशाला प्रबंधन द्वारा प्रस्ताव दिये जाने के बाद भी सरकार गाय के भोजन मद में राशि नहीं दे रही है. यह खुलासा श्री बैद्यनाथधाम गाेशाला के सचिव रमेश बाजला ने गोशाला […]
देवघर : बाबानगरी के गोशाला में सरकारी प्रक्रिया में फंस कर एक माह के दौरान 50 से अधिक गायों की मौत हो चुकी है. गोशाला प्रबंधन द्वारा प्रस्ताव दिये जाने के बाद भी सरकार गाय के भोजन मद में राशि नहीं दे रही है. यह खुलासा श्री बैद्यनाथधाम गाेशाला के सचिव रमेश बाजला ने गोशाला के अध्यक्ष सह एसडीओ को भेजे पत्र में किया है. सचिव ने 12 मई को एसडीओ लिखे पत्र में कहा है कि पुलिस द्वारा 400 गोवंश को जब्त कर गोशाला को सुपुर्द किया गया था, अचानक इतनी बड़ी संख्या में गोवंश आने से गोशाला की व्यवस्था चरमरा गयी है तथा इस समय गोशाला में भीषण आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है.
पुलिस द्वारा सौंपे गये गोवंश अत्यंत कमजोर, बीमार व मरणासन स्थिति में प्राप्त हुए थे. ट्रक से उतारते समय कई गोवंश मृत पाये गये थे. इलाज व देख-रेख के बावजूद एक माह के दौरान 50 गायों की मौत हो चुकी है. गो सेवा आयोग द्वारा गाय के भोजन के लिए अनुदान 4.91 लाख रुपये अब तक नहीं दिया गया है.
मंत्री ने गो सेवा आयोग के सचिव से करायी बात : इस मामले में गुरुवार को जब राज्य के कृषि एवं पशुपालन मंत्री रणधीर सिंह से पूछा गया तो उन्होंने गो सेवा आयोग के सचिव डॉ ओपी पांडेय से प्रभात खबर संवाददाता को कॉन्फ्रेंसिंग कर फोन पर बात करायी, डॉ पांडेय ने बताया कि देवघर गोशाला में गाय के भोजन के लिए पैसे का जो डिमांड आया है कि उसकी प्रक्रिया पूरी नहीं की गयी है. डीएचओ ने सीधे ताैर पर अनुदान का पैसा डिमांड कर दिया है, इसमें डीसी की अनुशंसा केवल फाइल में रहने की बात कही गयी है. जबकि अधिसूचना के अनुसार, डीसी के हस्ताक्षर से अनुशंसा-पत्र आयोग को भेजना था. डॉ पांडेय ने कहा कि उन्होंने एक सप्ताह पहले भी देवघर डीसी से गाय के भोजन का अनुशंसा पत्र मांगा गया है, लेकिन अब प्राप्त नहीं हुआ है. आयोग के पास पैसे की कमी नहीं है, बगैर प्रक्रिया पूरा किये पैसा देना वित्तीय नियम के विरुद्ध हो जायेगा. वैसे पकड़े गये अधिकांश गाय कमजोर थी.
सुखे पुआल के सहारे गाय
बैद्यनाथधाम गोशाला में अभी कोई फंड नहीं है. इस गर्मी व धूप में गोशाला में गाय को केवल पुआल, चोकर व चूड़ा का भूसा दिया जाता है. पानी के अभाव में हरा चारा का उत्पादन प्रभावित है. देवघर गोशाला के पास इतना फंड नहीं है कि गाय को पौष्टिक भोजन दिया जा सके. गोशाला प्रबंधन के पास करीब 84 एकड़ जमीन है, लेकिन इससे एक रुपया भी गोशाला प्रबंधन को आय नहीं है. शहर में गोशाला के दोनों यूनिट में करीब 32 एकड़ जमीन है, जबकि गांवों में बिहार के सोनावरण, मोहनपुर के बैजूबसार व देवघर के नैयाडीह में 52 एकड़ जमीन है. इन तीनों जमीन पर कोर्ट में विपक्षियों ने मुकदमा दाखिल कर दिया है, जिससे जमीन का उपयोग नहीं हो पा रहा है.
गोशाला प्रबंधन के पास नहीं है फूटी कौड़ी
जल्द देवघर गोशाला को गाय के भोजन का पैसा भेज दिया जायेगा. विभाग के पास फंड की कमी नहीं है. देवघर गोशाला को विकास व भोजन में फंड दिया जा चुका है. रघुवर सरकार ने तस्करी में पकड़े गये गाय को आजीवन भोजन के लिए जो 100 रुपये प्रतिदिन देने की जो घोषणा की थी, उसे अगले माह से लागू किया जायेगा. प्रत्येक गोशाला में पानी, शेड व भोजन के लिए विभाग 50 लाख रुपये देने जा रही है. संताल परगना में लावारिश पशुओं के लिए शरणस्थली भी देवघर में बनेगी. आग्रह है कि आगे भी प्रबंधन गो-सेवा के प्रति हमेशा सजग रहे.
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