सिमरिया. प्रखंड के तेतरमोड़ स्थित उदयन पब्लिक स्कूल में शनिवार को विश्व आदिवासी दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. प्राचार्या गार्गी भट्टाचार्या ने कहा कि मूल निवासी पर्यावरण संरक्षण जैसे विश्व के मुद्दों को बेहतर बनाने के लिए प्रयत्न करते हैं. यह पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा दिसंबर 1994 में घोषित किया गया था. कार्यक्रम में विद्यालय प्रबंधन समिति के कोषाध्यक्ष मनोज चंद्रा, प्रेमलता चंद्रा, शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मचारी व छात्र-छात्राएं उपस्थित थे. इधर, कसारी पंचायत के बीची टोंगरी में शुक्रवार को विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया. उदघाटन जिप सदस्य देवनंदन साहू, मुखिया सुनीता कुमारी ने फीता काटकर किया. कार्यक्रम की शुरुआत दिशोम गुरु शिबू सोरेन के तस्वीर पर माल्यार्पण कर व शोक संवेदना व्यक्त कर की गयी. इस दौरान सरना माता की पूजा-अर्चना की गयी. जिप सदस्य ने कहा कि आदिवासी मानव सभ्यता के निर्माता हैं. मुखिया ने कहा आदिवासियों के बदौलत आज वन संपदा बचा हुआ है. संचालन उगन भुइयां ने किया. मौके पर राजदेव उरांव, जयप्रकाश उरांव, सोनू उरांव, महेश उरांव, गणेश उरांव, दिनेश उरांव, सरिता टोप्पो, कविता टोप्पो सहित सहित आदिवासी समाज के लोग उपस्थित थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

