प्रतापपुर, लावालौंग, कुंदा, कान्हाचट्टी में
अफीम के धंधेबाजों की शह पर ग्रामीण कर रहे हैं खेती. ज्यादातर जंगल क्षेत्र की जमीन पर हो रही है खेती
चतरा : जिले के प्रतापपुर, लावालौंग, कुंदा व कान्हाचट्टी प्रखंड में कई एकड़ में पोस्ते की खेती लहलहा रही है़ पोस्ते की खेती ज्यादातर जंगली क्षेत्रों में की जा रही है. तस्करों के कहने पर स्थानीय लोगों द्वारा खेती की जा रही है.
कान्हाचट्टी प्रखंड के पथेल, अमकुदर, गडिया, जोलडीहा, बिरलुटुदाग, पिपराही आदि गांवों में 25 से 30 लोगों ने पोस्ते की खेती की है़ गत वर्ष माओवादियों ने पोस्ते व गांजा की खेती करने वालों की पिटाई की थी़ साथ ही इसकी खेती नहीं करने की चेतावनी दी थी़ माओवादियों का कहना था कि पोस्ते की खेती होने से पुलिस गांवों में आती है़
कुंदा प्रखंड के बनियाडीह, कोडहास, बामी कुंडी, चिलोइ, हारूल, एकतता, मरगडा, जोबिया, कुटील आदि गांवों में 50 एकड़ में पोस्ते की फसल इन दिनों लहलहा रही है़ लावालौंग के रीमी, कोटारी, टिकदा, टिकुलिया आदि गांवों में में भी खेती की गयी है. अफीम तस्कर इन क्षेत्रों में सक्रिय हो गये हैं. वे गांव-गांव जाकर अफीम निकालने का तरीका बता रहे हैं. दूसरी ओर पुलिस पोस्ते की खेती होने वाले गांवों को चिह्न्ति कर रही है़ पुलिस अधिकारियों ने अभियान चला कर पोस्ते की खेती को नष्ट करने की बात कही है़.