कुंदा (चतरा) : देश के अंतिम गांव में बिजली पहुंचने से पहले झारखंड के सारे गांव विद्युत से रोशन हो गये थे. बावजूद इसके, चतरा जिला में एक ऐसा गांव है, जो तीन महीने से अंधेरे में डूबा है. कुंदा प्रखंड का मांझीपाड़ा गांव सरकार के फोकस एरिया के तहत चयनित है. इस गांव में पावर सब स्टेशन है. फिर भी यहां बिजली नहीं है. वजह ट्रांसफॉर्मर का खराब होना.
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ग्रामीणों में इस बात को लेकर गुस्सा है कि फोकस एरिया के तहत चयनित इस गांव में तीन महीने में एक ट्रांसफॉर्मर ठीक नहीं कराया जा सका. इस संबंध गांव के लोगों ने दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) को अपनी समस्या से अवगत कराया है. एक आवेदन देकर गांव में नया ट्रांसफॉर्मर लगाने का आवेदन दिया है.
लोगों का कहना है कि पावर सब स्टेशन में बिजली रहने के बावजूद गांव के लोगों को बिजली नहींमिल रही. यहदुर्भाग्यकी बात है. लोग कहते हैं कि गांव लोगों ने पावर सब-स्टेशन के लिए अपनी जमीन दी, लेकिन इसका लाभ उन्हें नहीं मिल रहा. बताया कि खराब ट्रांसफाॅर्मर की मरम्मत के लिए कई बार विद्युतकर्मियों से कहा गया, लेकिन कुछ नहीं हुआ.
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उधर, कर्मचारियों का कहना है कि गांव में 25 केवी के ट्रांसफाॅर्मर के भरोसे मांझीपारा समेत टोला मुस्टंगवा, महतो टोला व गांव में स्थित पुलिस पिकेट भी इस ट्रांसफाॅर्मर से बिजली की आपूर्ति की जाती थी. लोड की वजह से ट्रांसफॉर्मर जल गया. यही वजह है कि विद्युत की आपूर्ति बाधित है.
कहती हैं मुखिया
ग्रामीणोंकी शिकायत पर मुखिया रेखा देवी ने गांव का दौरा किया. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की शिकायत जायज है. उनकी समस्या दूर की जानी चाहिए. मुखिया ने कहा कि जल्द ही वह डीवीसी के सहायक अभियंता से बात करेंगी कि गांव में नया ट्रांसफॉर्मर लगाया जाये.