चक्रधरपुर.
चक्रधरपुर रेल मंडल के घाघरा रेलवे स्टेशन से हिंदी-अंग्रेजी के साथ हो भाषा वारंग क्षिति लिपि नाम हटाये जाने के विरोध में आदिवासी हो समाज महासभा ने गुरुवार को भाषा सम्मान अधिकार रैली निकाली. यह रैली मनोहरपुर, गोइलकेरा, सोनुआ, चाईबासा समेत विभिन्न जगहों से हो समाज के लोग चक्रधरपुर डीआरएम कार्यालय पहुंचे. हो समाज के गोइलकेरा प्रखंड अध्यक्ष पातर जोंको व डोबरो बुड़ीउली के नेतृत्व में डीआरएम तरुण हुरिया को मांग पत्र सौंपा. पातर जोंको ने कहा कि 9 अप्रैल 2013 को घाघरा स्टेशन पर हिंदी व अंग्रेजी के साथ-साथ हो भाषा वारंग क्षिति लिपि में नाम अंकित कराया गया था. विगत दिनों हो भाषा नामपट्ट से हटा दिया गया है. इस स्थान पर ओड़िया भाषा में लेखन किया गया है. इस घटना से आदिवासी हो समाज अत्यंत आहत है. उन्होंने डीआरएम से अनुरोध किया कि हो भाषा वारंग क्षिति लिपि नामपट्ट पर दोबारा अंकित किया जाये. श्री जोंको ने घाघरा समेत कोल्हान के सभी स्टेशनों पर हो भाषा वारंग क्षिति लिपि में नामपट्ट अंकित करने व ट्रेनों की उद्घोषणा क्षेत्रीय हो भाषा में करने की मांग की. इस मौके पर इंद्रजीत सामड, ढीपा पंचायत के मुखिया अशोक बंदा, सोनुआ की नितिमा जोंको, मनोहरपुर हो समाज के प्रखंड अध्यक्ष मनोज चांपिया, प्रखंड सचिव निमा लुगुन, मार्शल गुड़िया आदि मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

