फुसरो, सीसीएल कारो परियोजना कार्यालय में सोमवार को प्रबंधन और कारो मौजा विस्थापित संघर्ष मोर्चा की वार्ता पीओ सुधीर सिन्हा की अध्यक्षता में हुई. मोर्चा की 41 सूत्री मांगों पर सहमति नहीं बनी. मोर्चा के अध्यक्ष सोहनलाल मांझी ने कहा कि 12 अगस्त से परियोजना का चक्का जाम किया जायेगा. विस्थापित कारो परियोजना में अपनी-अपनी जमीनों पर खड़े होकर आंदोलन करेंगे. कहा कि प्रबंधन विस्थापितों को नौकरी, मुआवजा व पुनर्वास के लिए वर्षों से दौड़ा रहा है. पहले भी प्रबंधन ने वार्ता कर आश्वासन दिया, लेकिन उसे पूरा नहीं किया.
विस्थापितों का समर्थन करने पहुंचे झामुमो नगर अध्यक्ष दीपक महतो ने कहा कि कारो गांव माइंस से सटा हुआ है. यहां के लोग रोजगार सहित प्रदूषण की समस्या से त्रस्त हैं. गांव जाने के लिए सड़क नहीं है. ब्लास्टिंग के कारण कई घर जर्जर हो गये हैं. उनकी मरम्मति समुचित ढंग से नहीं करायी जा रही है. लोकल सेल में भी लोगों को भागीदारी नहीं दी जा रही है. आउटसोर्सिंग कंपनियां नियमों का उल्लंघन कर रही हैं. वार्ता में प्रबंधन की ओर से एलएंडआर शंकर झा, कार्मिक प्रबंधन पीएन सिंह, रेवेन्यू अधिकारी मनीष महेश्वरी, आरपी यादव, मोर्चा के सचिव संजय गंझू, अजय गंझू, सुरेंद्र गंझू, लालमोहन यादव, राजेश गुप्ता, भीम करमाली, चंदन राम, गणेश श्रीवास्तव, लखन हांसदा, कुंवर मांझी, बबीता देवी, कामनी देवी, गुड़िया देवी, तारा देवी, ममता देवी, सोनी देवी, सोरामुनी देवी, कुलदीप गंझू, नरेश गंझू, दीपक गंझू, गोपाल महतो आदि मौजूद थे.ये हैं मुख्य मांगें
कारो बस्ती के लोगों को एक साथ पुनर्वास स्थल में सुविधाओं के साथ बसाया जाये, अजय कुमार गंझू को की बर्खास्तगी वापस ली जाये व उन्हें जमीन के एवज में चार गुणा मुआवजा दिया जाये, सोरामुनी देवी को पुनर्वास नीति के तहत कंपनसेशन के लिए प्लॉट के बदले छह लाख रुपये दिया जाये, कारो बस्ती के पुनर्वास को लेकर कट ऑफ डेट की तिथि में बदलाव किया जाये.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

