बेरमो (बोकारो), राकेश वर्मा/उदय गिरी. झारखंड के शिक्षा एवं मद्य निषेध मंत्री जगरनाथ महतो शुक्रवार को पंचतत्व में विलीन हो गए. बोकारो जिले के भंडारीदह स्थित पैतृक गांव में उनका अंतिम संस्कार किया गया. उनकी अंत्येष्टि में सीएम हेमंत सोरेन, स्पीकर रवींद्रनाथ महतो, मंत्री मिथिलेश ठाकुर, सत्यानंद भोक्ता, बादल पत्रलेख, राज्यसभा सांसद महुआ माजी समेत कई गणमान्य शामिल हुए. रांची से जैसे ही उनका पार्थिव शरीर पैतृक गांव पहुंचा, अंतिम दर्शन के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा. अंतिम यात्रा में शामिल बड़ी संख्या में लोगों ने उन्हें अंतिम विदाई दी.
6 अप्रैल को चेन्नई के अस्पताल में हुआ था निधन
अंत्येष्टि से पहले शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की पत्नी से प्रभात खबर की टीम ने बातचीत की. इस दौरान जगरनाथ महतो की पत्नी कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं थीं. रिश्तेदारों और पड़ोस की महिलाओं ने उन्हें घेर रखा था. उन्हें ढाढ़स बंधा रही थीं. सुबह से ही लोगों का उनके घर में आना-जाना लगा था. झारखंड मुक्ति मोर्चा के कद्दावर नेता जगरनाथ महतो टाइगर के नाम से जाने जाते थे. पिछले दिनों अस्वस्थ होने के बाद बेहतर इलाज के लिए एयरलिफ्ट कर इन्हें चेन्नई ले जाया गया था. कुछ दिनों से उनका वहां इलाज चल रहा था. इसी दौरान अचानक उनकी तबीयत और बिगड़ती चली गयी और गुरुवार 6 अप्रैल की सुबह करीब साढ़े 6 बजे चेन्नई के एमजीएम अस्पताल में इनका निधन हो गया.
अंतिम संस्कार में उमड़ा जनसैलाब
आज शुक्रवार की सुबह चेन्नई से जगरनाथ महतो का पार्थिव शरीर रांची एयरपोर्ट पहुंचा. यहां से पार्थिव शरीर झारखंड विधानसभा पहुंचा. इन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गयी. सीएम हेमंत सोरेन, स्पीकर रवींद्रनाथ महतो समेत अन्य ने इन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके बाद उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए हरमू स्थित झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यालय में रखा गया. यहां भी इन्हें श्रद्धांजलि दी गयी. दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी. इसके बाद पार्थिव शरीर बोकारो स्थित पैतृक गांव लाया गया. इस दौरान रास्ते में इन्हें जगह-जगह श्रद्धांजलि अर्पित की गयी. पैतृक गांव में इनका अंतिम संस्कार किया गया. बड़ी संख्या में लोगों ने नम आंखों से अपने प्रिय नेता को अंतिम विदाई दी.