10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जैविक खेती कर चर्चा में है पेटरवार का दिगवार परिवार, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी मंगाया आलू

पेटरवार प्रखंड का बूढ़नगोड़ा गांव स्थित दिगवार परिवार इन दिनों जैविक खेती को लेकर राज्य भर में चर्चा में है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी तक ने जैविक खेती से तैयार इनके आलू को अपने यहां मंगाया है. इस आलू की बाजार में भी इतनी मांग है कि बाजार से दोगुनी कीमत में खरीदने के लिए लोगों का तांता लग जाता है.

Bokaro News: पेटरवार प्रखंड का बूढ़नगोड़ा गांव स्थित दिगवार परिवार इन दिनों जैविक खेती को लेकर राज्य भर में चर्चा में है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी तक ने जैविक खेती से तैयार इनके आलू को अपने यहां मंगाया है. इस आलू की बाजार में भी इतनी मांग है कि बाजार से दोगुनी कीमत में खरीदने के लिए लोगों का तांता लग जाता है. बताया गया कि पिछले वर्ष जब बाजार में रासायनिक खाद से तैयार आलू की कीमत 15 रुपया प्रति किलोग्राम थी, तब जैविक खेती से तैयार इनके आलू को 40 रुपया प्रति किलो की दर से खरीदने वालों की लूट मच गई थी. इसकी वजह इसका सेहत से सीधा जुड़ा होना है. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख भी बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में प्रदर्शनी के दौरान जैविक खेती के लिए इस परिवार की प्रशंसा कर चुके हैं. लाल बहादुर शास्त्री सेवा समिति एवं चित्रगुप्त महापरिवार बोकारो तथा उच्च शिखर संस्था समेत अन्य कई संस्थाओं ने इसके लिए इन्हें सम्मानित भी किया है.

बीएसएल अधिकारी की पत्नी ने किया खेती के लिए प्रेरित

मई 2000 21 में दिगवार परिवार ने बोकारो स्टील प्लांट के अधिकारी अंजनी कुमार सिन्हा की पत्नी आरती सिन्हा की प्रेरणा से जैविक खेती में कदम रखा है. दरअसल, इस परिवार के पास आज भी सैकड़ों एकड़ जमीन मौजूद है. उसकी जानकारी मिलने के बाद आरती सिन्हा ने इनके घर पहुंचकर इन्हें जैविक खेती के लिए प्रेरित किया था. उसके बाद इस परिवार के दुर्गा प्रसाद दिगवार, मदन मोहन दिगवार, सोनी कुमारी, सुषमा कुमारी, सुनीता दिगवार, रवि कुमार दिगवार, मिथुन कुमार दिगवार, प्रतीक कुमार, उज्जवल कुमार दिगवार, पूर्णिमा देवी, मल्लिका देव्या, टुकटुक कुमारी आदि ने सामूहिक रूप से खेती करनी शुरू की. सबसे पहले जैविक खाद तैयार किया और फिर 50 डिसमिल में आलू की खेती तैयार की. फसल तैयार होने के बाद जैसे ही इसकी चर्चा शुरू हुई, आलू के खरीदारों की भीड़ इनके यहां जुटनी शुरू हो गई. 50 डिसमिल में लगभग 12-15 क्विंटल आलू तैयार हुआ था, जो देखते ही देखते बिक गया. इसके लिए इन्हें बाजार नहीं जाना पड़ा. खरीदारों ने खुद इनके घर में आकर इसकी खरीदारी की. इस वर्ष 2 एकड़ में आलू की खेती करने की तैयारी है.

50 डिसमिल के प्लांटेशन में तैयार हो रहे 18 प्रजाति के पौधे

दिगवार परिवार ने आलू के अलावा हल्दी, बाजरा, अरबी, काला मूंग, बीट, अरहर, लहसुन, पालक आदि की खेती भी जैविक खेती से की और उसकी भी बाजार में काफी मांग थी. इसके अलावा 50 डिसमिल भूमि पर एक प्लांटेशन भी ततैयार किया जा रहा है. उसमें सहजन, नींबू, पपीता, अमरूद, काजू, अंगूर, चीकू, एप्पल बेर, आम, केला, कटहल, संतरा, बेटिबर घास, काली हल्दी जैसी लगभग दो दर्जन प्रजाति के सैकड़ों पौधे लगाए गए हैं. इसके चारों ओर ट्रेंच कटिंग की गई है. ट्रेंच के किनारे-किनारे 50 केला के पौधे और दर्जनों अरहर के पौधे भी लगाए गए हैं. बताया गया कि केला के पौधे दीमक का प्रवेश रोकता है तथा अरहर के पौधे फलदार पौधों को बाहरी हवा को सीधे प्रवेश से बचाता है. इसके अंदर सवेंथ लेयर की खेती भी की जा रही है. उसमें नेनुआ, करेला, बोदी जैसी फसल लगाई गई है. इसके बदल में ही अंबानाला नामक एक जलस्रोत है. उससे सिंचाई में मदद मिलती है.

ऐसे तैयार करते हैं जैविक खेती

मदन मोहन दिगवार, सुनीता दिगवार, सोनी कुमारी आदि ने बताया कि गौमूत्र, गोबर, बेसन, गुड़ व मिट्टी से जैविक खाद तैयार किया जाता है. 5 लीटर गौमूत्र, 5 किलो गोबर, 250 ग्राम बेसन, 100 ग्राम गुड़ तथा एक किलो बरगद पेड़ के नीचे की मिट्टी को मिलाकर बनाये गए खाद को 100 लीटर पानी में डाला जाता है. वह 50 डिसमिल भूमि पर लगी फसल के लिए पर्याप्त होता है. पाला से बचाने के लिए भी जैविक तकनीक को अपनाया जाता है. उसके तहत ऊपरी और निचली सतह की मिट्टी का घोल बनाकर झाड़ू की सहायता से फसल (पत्तों) में छिड़काव किया जाता है. जबकि, किट से बचाने के लिए लहसुन व प्याज का छिलका और नीम का पत्ता मिलाकर उसे गौमूत्र में एक सप्ताह तक सड़ाया जाता है. फिर उसका छिड़काव किया जाता है. वह कीटनाशक का काम करता है. दिगवार परिवार के सदस्यों ने कहा कि जैविक खेती की सफलता तथा बाजार में उनके द्वारा उपजाई जाने वाली फसल की मांग से वे लोग काफी उत्साहित हैं. उत्पादन से अधिक बाजार में मांग है. कहा : जैविक खेती के लिए अधिक से अधिक लोगों को आगे आने की जरूरत है.

रिपोर्ट : दीपक सवाल, कसमार

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें