ललपनिया, झारखंड आंदोलन के अगुआ दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन के कारण शनिवार को विश्व आदिवासी दिवस कंडेर पंचायत के दरहाबेड़ा में सादगीपूर्ण तरीके से मनाया गया. सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं हुए. कार्यक्रम की शुरुआत दिशोम गुरु की तस्वीर पर माल्यार्पण कर की गयी. एक मिनट का मौन रख कर श्रद्धांजलि दी गयी. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आदिवासी संघर्ष मोर्चा के जिला संयोजक जगलाल सोरेन ने कहा कि गुरुजी आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा और जल, जंगल, जमीन की लूट के खिलाफ आजीवन संघर्ष करते रहे. केंद्र सरकार से मांग है कि जंगलों में जारी आदिवासी हंट अभियान को बंद किया जाये. भाकपा माले नेता भुवनेश्वर केवट ने कहा कि शिबू सोरेन को भारत रत्न दिया जाना चाहिए. आज झारखंड के जल, जंगल, जमीन व खनिज पर कॉरपोरेट कंपनियों की गिद्ध दृष्टि लगी हुई है. जहां भी खनिज है, वहां के जंगलों से आदिवासियों को हटाया जा रहा है. यह नहीं चलने देंगे. पुसू मांझी, गुणी सोरेन, सोमर टुडू, राम सेवक करमाली, बिगन किस्कू, सबिता सोरेन, चंद्रनाथ किस्कू, सालखान मुर्मू, रीता किस्कू, धनमति किस्कू, सवाना किस्कू, पवन किस्कू ने भी संबोधित किया.
पांच सूत्री प्रस्ताव पारित
कार्यक्रम का संचालन राजेश किस्कू ने किया. कार्यक्रम में पांच सूत्री प्रस्ताव पारित किया गया. इसमें स्व शिबू सोरेन को भारत रत्न से सम्मानित करने, जनगणना 2026 में सरना धर्म कोड के लिए अलग से कॉलम सृजन, पेशा कानून लागू करने, झारखंड में ट्राइबल हंट अभियान बंद करने, संविधान प्रदत आदिवासी अधिकारों को संरक्षित करने वाले कानूनों को लागू करने, आदिवासियों के सामाजिक विकास के लिए युवाओं और महिलाओं को रोजगार से जोड़ने की बातें शामिल हैं.
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