बोकारो, इस्पात मजदूर मोर्चा (सीटू) का 15वां दो दिवसीय सम्मेलन सेक्टर 2 कला केंद्र में शनिवार से शुरू हुआ. सीटू के राष्ट्रीय महामंत्री पूर्व राज्यसभा सदस्य व एनजेसीएस सदस्य तपन सेन कहा कि आज देश निजीकरण व काॅरपोरेट घरानों के इशारे पर सबसे कठिन दौर से गुजर रहा है. मोदी सरकार अपनी कॉरपोरेट परस्त नीति को लागू करने के लिए बेताब है. सरकार राजनीतिक रूप से ट्रेड यूनियन व ट्रेड यूनियन आंदोलन का का विरोध करती है. नये श्रम कानून मजदूरों को गुलाम बनाने का रास्ता खोलने जा रही है. सेल प्रबंधन निर्भीक होकर मजदूरों के हक व अधिकारों पर हमला कर रहा है. सम्मेलन की अध्यक्षता बीएन मिश्रा व शशिकांत सिन्हा ने संयुक्त रूप से व संचालन आरके गोराई ने किया.
चार सालों से वेतन समझौता को लटका के रखा गया
श्री सेन ने कहा कि चार सालों से वेतन समझौता को लटका के रखा गया है. वेतन समझौता प्रबंधन करना नहीं चाहती है. 39 माह का एरियर देने से प्रबंधन साफ इंकार कर रही है. एनजेसीएस समझौता का उल्लंघन कर ग्रैच्युटी पर सिलिंग लगा कर मजदूरों का अपना कमाया पैसा को हड़प लिया है. सेल के मजदूरों का बोनस फार्मूला भी बहुमत यूनियन के साथ मजदूर विरोधी फाॅर्मूला बना कर सबसे कम बोनस सेल के मजदूरों को दिया जा रहा है. श्री सेन ने कहा कि ठेका मजदूरों को ना तो सेल की न्यूनतम मजदूरी दी जा रही है ना हीं वैधानिक सुविधाएं. सभी सवालों पर सम्मेलन में गंभीरता पूर्वक चर्चा होगी. निर्णायक आंदोलन में जाने का निर्णय लिया जायेगा.
इन्होंने किया संबोधित
कार्यक्रम को स्टील वर्कर्स फेडेरेशन के महामंत्री ललित मोहन मिश्रा, सीटू झारखंड अध्यक्ष विश्वजीत देव, एटक महामंत्री रामाश्रय प्रसाद सिंह, एक्टू महामंत्री देवदीप सिंह दीवाकर, एआईयूटीयूसी महामंत्री मोहन चौधरी, सीटू राज्य उपाध्यक्ष जीके बख्सी ने भी संबोधित किया. मौके पर केएन सिंह, आरएन सिंह, देव कुमार, आरआर पन्ना, पवन कुमार, अनन्त प्रसाद आदि मौजूद थे.
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