बोकारो, प्रधान जिला जज (पीडीजे) एके मिश्र की अदालत ने बुधवार को बीएसएल और सीआइएसएफ के अधिकारियों पर दर्ज मामले में 21 अप्रैल तक उत्पीड़क कार्रवाई पर रोक लगा दी. तीन अप्रैल को विस्थापित अप्रेंटिस संघ के आंदोलन के दौरान बीएसएल के मुख्य प्रशासनिक भवन के समीप लाठीचार्ज में प्रेम कुमार महतो की मौत के बाद उसके पिता वीरू महतो ने बीएसएल और सीआइएसएफ के अधिकारियों के विरुद्ध बोकारो स्टील सिटी थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. मामले में पुलिस ने बीएसएल के सीजीएम एचआर हरिमोहन झा को हिरासत में ले लिया था.
बीएसएल प्रबंधन द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका पर बुधवार को पीडीजे की अदालत में सुनवाई हुई. अदालत ने बोकारो पुलिस को 21 अप्रैल तक किसी भी तरह की कार्रवाई पर तत्काल रोक लगा दी. अदालत में बीएसएल प्रबंधन की ओर से अग्रिम जमानत की मांग अधिवक्ता दीपक कुमार सिंह ने की. तमाम दलीलें व बीएसएल प्रबंधन द्वारा उपलब्ध कराये गये सबूतों को देखने-सुनने के बाद अदालत ने उत्पीड़क कार्रवाई पर रोक लगा दी. इधर, अदालत का आदेश आने के बाद एसपी मनोज स्वर्गीयारी ने कहा कि कोर्ट के आदेश का पालन किया जायेगा. कोर्ट द्वारा सभी तरह की कार्रवाई पर रोक लगा दी गयी है. ऐसे में सीजीएम एचआर हरिमोहन झा को डिटेन करना भी कोर्ट की अवमानना होगी. इस बीच हिरासत में लिये गये सीजीएम एचआर हरिमोहन झा को पुलिस ने छोड़ दिया है.बीजीएच में इलाज के दौरान हो गयी थी प्रेम की मौत
तीन अप्रैल को बीएसएल के इस्पात भवन के समीप नियोजन की मांग को लेकर विस्थापित अप्रेंटिस संघ ने आंदोलन किया था. इस दौरान लाठीचार्ज की नौबत आ गयी. इसमें प्रेम कुमार महतो गंभीर रूप से घायल हो गये. बीजीएच में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी. बीएसएल में कार्यरत कर्मी व मृतक के पिता वीरू महतो ने चार अप्रैल को बीएस सिटी थाना में मामला दर्ज कराया था, जिसमें बोकारो इस्पात संयंत्र के डायरेक्टर इंचार्ज, इडी (कार्मिक), मुख्य महाप्रबंधक एचआर, आइआर विभाग प्रमुख, सीआइएसएफ बीएसएल यूनिट के डीआइजी व इंचार्ज को नामजद आरोपी बनाया गया था. तीन अप्रैल की देर रात में ही पुलिस ने मुख्य महाप्रबंधक एचआर हरिमोहन झा को हिरासत में ले लिया था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है