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झारखंड आंदोलन में शिबू सोरेन के सहयोगी रहे चंदनकियारी के पूर्व विधायक व झामुमों नेता हारू रजवार का निधन, कोरोना से थे पीड़ित

बुखार आने पर दवा दी जा रही थी. ज्यादा खराब होने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया. यहां चेस्ट सिटी में पता चला कि कोरोना का संक्रमण है. साथ ही फेफड़े में संक्रमण बढ़ गया है. बुधवार तड़के 3 बजकर 37 मिनट पर निधन हो गया. पूर्व विधायक के निधन से पूरे चंदनकियारी में शोक का महौल है.

Jharkhand News, Bokaro News, Former Chandankiyari MLA Passes Away बोकारो : चंदनकियारी के पूर्व विधायक व झामुमो नेता हारू रजवार का बुधवार तड़के चार बजे धनबाद के असर्फी अस्पताल में निधन हो गया. तबीयत खराब होने के बाद 17 मई की रात्रि में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बोकारो जिले के चंदनकियारी विधानसभा क्षेत्र के तीन बार के विधायक रहे हारू अपने पीछे भरापूरा परिवार छोड़ गए हैं. पुत्र पंचू रजवार ने बताया कि बीते कुछ दिनों से पिता की तबीयत खराब चल रही थी.

बुखार आने पर दवा दी जा रही थी. ज्यादा खराब होने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया. यहां चेस्ट सिटी में पता चला कि कोरोना का संक्रमण है. साथ ही फेफड़े में संक्रमण बढ़ गया है. बुधवार तड़के 3 बजकर 37 मिनट पर निधन हो गया. पूर्व विधायक के निधन से पूरे चंदनकियारी में शोक का महौल है.

पूर्व विधायक हारू रजवार अपने नाम एवं स्वभाव के कारण भी चुनाव जीतते रहे थे. हारू का एक मशहूर डायलॉग सभी की जुबां पर आज भी है ..बाबू आमी जितले हारू आर हारले हारू…. इसका मतलब भी समझाते थे कहते थे कि जीत पर उन्हें गुमान नहीं हुआ और हार पर कभी दुख नहीं. चूंकि उनका मानना था चुनाव जनता ही लड़ती है. जब झारखंड आंदोलन में सक्रिय भागीदारी निभाते थे उस वक्त भी घर का काम करने के बाद समर में जाते थे.

चंदनकियारी के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र बड़ाजोर के झांकटांड़ टोला निवासी बनमाली रजवार के पुत्र हारू रजवार साक्षर थे. परन्तु राजनीतिक परिभाषा भली भांति जानते थे. वे कहते हैं आगू घारें बाबू, तबे बाहरे बाबू यानि घर-परिवार के लोग अच्छे बोलेंगे तो बाहर के लोग भी अच्छे बोलेंगे. हारू ने अपनी राजनीति मजदूर नेता एके राय के साथ प्रारंभ किया. झारखंड आंदोलन के दौरान झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन के सहयोगी रहे. सोरेन हमेशा हारू रजवार को सम्मान देते थे. इनके दो पुत्र पंचू रजवार और भागीरथ कपरदार हैं.

इन लोगों ने जताया शोक

हारू रजवार के निधन के साथ चंदनकियारी ने अपना एक नेता खो दिया है. हारू रजवार दल व जात-पात से ऊपर के व्यक्ति थे. उन्होंने आज तक कभी किसी विरोधी के बारे में भी कभी बुरा नहीं सोचा. जब भी जरूरत होती थी तो उनसे मिलने पर कई सारी बातें हुआ करती थी. उनके निधन से चंदनकियारी व झारखंड को अपूरणीय क्षति हुई है.

बिरंची नारायण, मुख्य सचेतक विरोधी दल

हारू रजवार के निधन से गहरा धक्का लगा है. वे किसी राजनीतिक दल के प्रतिनिधि से अधिक वे सामाजिक व्यक्ति तो थे ही. हम सभी के प्रेरणास्रोत थे. उनका असाधारण व्यक्तित्व ही हम सभी से उनको अलग करता है. उनके निधन पर गहरा दुख हुआ है. ईश्वर उनके परिवार के सदस्यों को दुख सहने की क्षमता प्रदान करे.

अमर कुमार बाउरी, विधायक चंदनकियारी

Posted By : Sameer Oraon

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