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भूख से बेहाल 8 मजदूर ओड़िशा से पैदल चलकर पहुंचे महुआटांड़, पुलिस ने की वाहन से घर पहुंचाने की व्यवस्था

लॉकडाउन में देश भर में पैदल ही घरों के लिए जाते हर दिन मजदूरों की तस्वीरें आ रही है. ऐसा ही एक तस्वीर गोमिया के महुआटांड़ में भी देखने को मिला. यहां ओड़िशा से पैदल चलकर पहुंचे साहेबगंज व पाकुड़ जिले के आठ मजदूरों की सूचना पर महुआटांड़ थाना प्रभारी सुकुमार टुडू व मुखिया उमेश महतो ने काफी मदद पहुंचायी. सभी पिछले 12 दिनों से पैदल चल रहे थे. महुआटांड़ आने पर उनलोगों को तत्काल खाना खिलाया गया. सभी मजदूरों का थर्मल स्क्रीनिंग से स्वास्थ्य जांच की गयी, फिर एक बोलेरो की व्यवस्था कर मजदूरों को उनके घर के लिए रवाना किया.

महुआटांड़ (बोकारो) : लॉकडाउन में देश भर में पैदल ही घरों के लिए जाते हर दिन मजदूरों की तस्वीरें आ रही है. ऐसा ही एक तस्वीर गोमिया के महुआटांड़ में भी देखने को मिला. यहां ओड़िशा से पैदल चलकर पहुंचे साहेबगंज व पाकुड़ जिले के आठ मजदूरों की सूचना पर महुआटांड़ थाना प्रभारी सुकुमार टुडू व मुखिया उमेश महतो ने काफी मदद पहुंचायी. सभी पिछले 12 दिनों से पैदल चल रहे थे. महुआटांड़ आने पर उनलोगों को तत्काल खाना खिलाया गया. सभी मजदूरों का थर्मल स्क्रीनिंग से स्वास्थ्य जांच की गयी, फिर एक बोलेरो की व्यवस्था कर मजदूरों को उनके घर के लिए रवाना किया. पढ़िए रामदुलार पंडा की रिपोर्ट.

एक ओर लॉकडाउन में झारखंड के बाहर फंसे प्रवासियों की दयनीय स्थिति, तो दूसरी ओर पैदल ही अपने घर जाने को व्याकुल भूखे- प्यासे इन प्रवासियों की बेचैनी देखते ही बन रही है. बोकारो जिला अंतर्गत गोमिया के महुआटांड़ में शुक्रवार को 8 मजदूर ओड़िशा से पैदल चल कर पहुंचे. 12 दिनों तक लगातार पैदल चलने के बाद बीते शुक्रवार को महुआटांड़ पहुंचे. सभी 8 मजदूर साहिबगंज और पाकुड़ जिले के हैं.

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असल में बीते शुक्रवार की देर शाम पंचायत भ्रमण के दौरान मुखिया उमेश महतो की नजर पैदल चल रहे उक्त मजदूरों पर पड़ी, तो उन्होंने उनसे बात की. मजदूरों की व्यथा सुन कर उनका दिल पसीज गया. तत्काल इसकी सूचना महुआटांड़ थाना प्रभारी सुकुमार टुडू को दी गयी. मुखिया ने मजदूरों को तुरंत चूड़ा, गुड़ आदि खिलाया. थाना प्रभारी ने रात के खाने की व्यवस्था करायी और एक सरकारी भवन में ठहराया.

शनिवार की सुबह सभी मजदूरों को नास्ता करवाकर अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, महुआटांड़ में थर्मल स्क्रीनिंग करवायी. फिर एक बोलेरो बुक करके मजदूरों को उनके घर साहिबगंज व पाकुड़ के लिए रवाना किया. रास्ते के लिए उन्होंने मजदूरों को फल आदि भी प्रदान किया. वहीं, मुखिया उमेश महतो ने चूड़ा, गुड़ आदि प्रदान किया. थाना प्रभारी व मुखिया से मिली फौरी राहत और घर तक पहुंचाने की व्यवस्था मिलने से खुशी में मजदूरों की आंखें भी छलक गयीं. एएसआइ प्रेम हेंब्रम भी थाना प्रभारी के साथ मिलकर मजदूरों को राहत पहुंचाने की व्यवस्था में जुटे रहे.

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साहिबगंज के सात व पाकुड़ का एक मजदूर, भूख से थे बेहाल

ओड़िशा से पैदल चलकर महुआटांड़ पहुंचे मजदूरों में साहेबगंज के सात व पाकुड़ का एक मजदूर शामिल था. साहेबगंज के मजदूर लखीराम हेंब्रम व सुशील टुडू ने बताया कि किस तारीख को निकले थे याद नहीं है, लेकिन पिछले लगभग 12 दिनों से घर के लिए पैदल चल रहे हैं. इस दौरान एक जगह एक ट्रक मिला था, जिसमें सवार होकर हम सभी बहरागोड़ा तक पहुंचे थे. भाड़ा देने पर सारा पैसा भी खत्म हो गया. वहां से फिर पैदल चलते हुए यहां आये हैं.

बातचीत करने पर मजदूर यह भी नहीं बता पा रहे थे कि वे किस रूट में चलेंगे कि घर पहुंच सके. शायद इसी वजह से वे लोग महुआटांड़ पहुंच गये. लखीराम ने बताया कि पैदल यात्रा के समय रास्ते में कहीं-कहीं लोग खाना खिला देते थे. जिस समय ये लोग महुआटांड़ पहुंचे थे, भूख से बेहाल थे. लेकिन, घर जाने की व्याकुलता भी थी. मजदूरों ने कहा कि जिस प्रकार से थाना प्रभारी व मुखिया ने हमारी मदद की है, आजीवन नहीं भुलेंगें.

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