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नाबालिग के अपहरण व दुष्कर्म में सात वर्ष की सजा

बोकारो: स्थानीय त्वरित न्यायालय द्वितीय के विशेष न्यायाधीश बबीता प्रसाद की अदालत ने एक 15 वर्षीय नाबालिग बालिका का अपहरण कर 22 माह तक उसका यौन शोषण करने के मामले में मुजरिम को 10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा दी है. मुजरिम सेक्टर 12 पेंटाकॉस्टल स्कूल के निकट झोपड़ी निवासी सुरेंद्र सिंह (24 वर्ष) है. […]

बोकारो: स्थानीय त्वरित न्यायालय द्वितीय के विशेष न्यायाधीश बबीता प्रसाद की अदालत ने एक 15 वर्षीय नाबालिग बालिका का अपहरण कर 22 माह तक उसका यौन शोषण करने के मामले में मुजरिम को 10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा दी है. मुजरिम सेक्टर 12 पेंटाकॉस्टल स्कूल के निकट झोपड़ी निवासी सुरेंद्र सिंह (24 वर्ष) है. वह विवाहित व दो बच्चों का पिता भी है. न्यायालय में यह मामला सेशन ट्रायल संख्या 407/13 व बीएस सिटी थाना कांड संख्या 221/12 के तहत चल रहा था. न्यायाधीश ने मामले में मुजरिम को भादवि की धारा 376 (दुष्कर्म) में सात वर्ष सश्रम कारावास व 366 (अपहरण) में पांच वर्ष सश्रम कारावास की सजा दी है. उसपर एक हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है.

जुर्माना नहीं देने की सूरत में 15 दिन का अतिरिक्त सश्रम कारावास होगा. मुजरिम को दी गयी सभी सजा साथ-साथ चलेगी. सुनवाई के दौरान अदालत में बालिका ने मुजरिम की पहचान भी की थी. मामला बालिका के पिता ने दर्ज कराया था. घटना 28 मई 2012 की है. पीड़िता की तरफ से इस मामले में विशेष लोक अभियोजक राकेश कुमार राय ने बहस की.

क्या है मामला
नाबालिग बालिका कपड़ा धोने घर के बाहर गयी थी. इसी दौरान सुरेंद्र सिंह अपने एक सहयोगी के साथ बाइक लेकर बालिका के पास आया. बहला-फुसला कर जबरन बालिका को बाइक पर बैठा कर रांची ले गया. रांची रेलवे स्टेशन के पास सुरेंद्र का सहयोगी उन लोगों से अलग हो गया. इसके बाद बालिका को जान से मार देने की धमकी देकर सुरेंद्र उसे ट्रेन पर बैठा कर राजस्थान के करनपुर ले गया. सुरेंद्र करनपुर में मजदूरी का काम करता था. यहां झोपड़ीनुमा एक आवास में बालिका के साथ दुष्कर्म किया. बालिका को बेचने के लिए एक आदमी को भी बुलाया गया था, लेकिन बालिका के रोने के कारण वह उसने नहीं खरीदा. इसके बाद मारपीट कर सुरेंद्र ने बालिका को कमरा में बंद कर दिया. यहां प्रतिदिन बालिका के साथ सुरेंद्र दुष्कर्म करता रहा. घटना के एक वर्ष 10 माह के बाद बोकारो पुलिस राजस्थान के करनपुर पहुंची. सुरेंद्र के आवास में छापामारी कर उसे गिरफ्तार कर बालिका को बरामद कर लिया. इस मामले में सुरेंद्र को सात जून 2012 को जेल भेजा गया था. इसी समय से वह चास जेल में बंद है.

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