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15 दिनों बाद अंतत: चली गयी सदस्यता

दोनों जायेंगे न्यायालय की शरण में बोकारो : अंतत: जिप सदस्य संजय कुमार व मीना देवी की सदस्यता चली गयी. जिप अध्यक्ष सुषमा देवी ने दोनों का इस्तीफा वापसी पत्र नहीं लिया. जिप सदस्य संजय कुमार के अनुसार कि उनका इस्तीफा वापसी पत्र स्वीकार नहीं किया जा रहा था. उन्हें अधिकार था कि 15 दिनों […]

दोनों जायेंगे न्यायालय की शरण में

बोकारो : अंतत: जिप सदस्य संजय कुमार व मीना देवी की सदस्यता चली गयी. जिप अध्यक्ष सुषमा देवी ने दोनों का इस्तीफा वापसी पत्र नहीं लिया. जिप सदस्य संजय कुमार के अनुसार कि उनका इस्तीफा वापसी पत्र स्वीकार नहीं किया जा रहा था. उन्हें अधिकार था कि 15 दिनों के भीतर वह अपना इस्तीफा वापसी का पत्र दे सकते हैं. बावजूद इसके उनके साथ मनमानी की गयी. कार्यालय के कर्मियों का कह दिया गया कि किसी तरह का पत्र कार्यालय में रिसिव नहीं किया जाये.
इस वजह से उन्होंने कार्यालय पर अपना इस्तीफा वापसी का पत्र चिपकाया था और स्पीड पोस्ट से भी अपना इस्तीफा वापसी का पत्र भेजा था. जिला परिषद के आधिकारिक मेल पर भी इस्तीफा वापसी का पत्र भेज दिया गया है. जिला परिषद अध्यक्ष ने अपनी करतूत से लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन किया है. उनके खिलाफ न्यायालय की शरण में जायेंगे. इधर जिप अध्यक्ष ने कैंप दो स्थित जिला परिषद कार्यालय में सोमवार को बैठक की. जिप अध्यक्ष का तर्क है कि पंचायती राज अधिनियम की धारा 19 का कॉलम 7 के अनुरूप जिप सदस्य संजय कुमार व मीना देवी की सदस्यता स्वत: रद्द हो गयी है.
इस स्थिति को देखते हुए जिप सदस्यों की बैठक बुलायी गयी है. बताया कि जिप सदस्यों द्वारा चार सितंबर 2019 को त्यागपत्र सामान्य बैठक में सभी सदस्य व पदाधिकारियों के समक्ष दिया गया था. पंचायती राज अधिनियम के तय समय सीमा के अंदर इन्होंने अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए किसी तरह का कोई आवेदन अध्यक्ष को नहीं सौंपा.
श्रीमती देवी ने कहा : 15 वें दिन 19 सितंबर को जिप कार्यालय में त्यागपत्र वापस लेने संबंधित कागजात को चिपका दिया. समाचार पत्र में न्यूज प्रकाशित हुआ. जो पंचायती राज अधिनियम के प्रावधानों के नियम अनुकूल नहीं था. इससे जिला परिषद की गरिमा की को भी हानि हुई. जब जिप अध्यक्ष 15 दिनों तक अन्य सदस्यों का आवेदन स्वीकार किया, तो इसकी जरूरत नहीं थी. परंतु दोनों सदस्यों ने अध्यक्ष से मिलना उचित नहीं समझा.
श्रीमती देवी ने कहा : इन परिस्थितियों पर विचार करते हुए पंचायती राज अधिनियम के प्रावधान के तहत इनका त्यागपत्र स्वत: स्वीकार हो जाता है. इस कारण इनकी सदस्यता रद्द की जाती है. त्यागपत्र व सदस्यता रद्द से संबंधित कार्रवाई से संबंधित विभाग व पदाधिकारी को लिखा जा रहा है. मैं अपनी ओर से दोनों सदस्यों को आगे की राजनीतिक जीवन के लिए शुभकामना देती हूं. जिप उपाध्यक्ष हीरालाल मांझी, सदस्य विजय रजवार, सुनीता टूडू, अनु आदि मौजूद थे.

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