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बोकारो : स्टेट टीम ने किया पांच नर्सिंग होम का औचक निरीक्षण, कहीं नहीं हो रहा है क्लिनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट का पालन

किसी भी अस्पताल में मौजूद नहीं मिले चिकित्सक गंदगी का अंबार मिला, तो कहीं एक्सपायरी दवा भी दिखी बोकारो : क्लिनिकल एस्टेब्लीसमेंट एक्ट व बायोमेडिकल वेस्टेज नियम का पालन पांच नर्सिंग होम में नहीं दिखा. यह खुलासा सोमवार को स्टेट टीम के निरीक्षण के बाद हुआ. डॉ राहुल के नेतृत्व में डीआरसीएचओ डॉ एस टुडू, […]

  • किसी भी अस्पताल में मौजूद नहीं मिले चिकित्सक
  • गंदगी का अंबार मिला, तो कहीं एक्सपायरी दवा भी दिखी
बोकारो : क्लिनिकल एस्टेब्लीसमेंट एक्ट व बायोमेडिकल वेस्टेज नियम का पालन पांच नर्सिंग होम में नहीं दिखा. यह खुलासा सोमवार को स्टेट टीम के निरीक्षण के बाद हुआ. डॉ राहुल के नेतृत्व में डीआरसीएचओ डॉ एस टुडू, डीपीएम पीके सिन्हा, डीडीएम कुमारी कंचन, प्रोएमआइएस अभय कुमार बंटी ने सोमवार को चास-बोकारो के पांच नर्सिंग होम व लैब का निरीक्षण किया.
सभी जगहों पर चिकित्सक के 24 घंटे उपलब्ध होने के कागजात दिखे, पर चिकित्सक नदारत मिले. टीम ने नाराजगी व्यक्त की. साथ ही कड़ी कार्रवाई के लिए उपायुक्त को रिपोर्ट भेजने की बात कही. बताया : हालत यह है कि कई नर्सिंग होम को बंद कर दिया जाना चाहिए.
नहीं मिला किसी अस्पताल में मरीजों का रिकार्ड
टीम ने निरीक्षण की कार्रवाई सेक्टर चार सिटी सेंटर से की. डॉ राहुल ने कहा : ममता नर्सिंग होम में चिकित्सक नहीं मिले. संचालक मरीजों का ओपीडी व आइपीडी का रिकाॅर्ड नहीं दिखा सके. अस्पताल में गंदगी का अंबार फैला था. किसी प्रकार का प्रमाण पत्र नहीं मिला. लाल पैथ लैब के पास प्रमाण पत्र नहीं था. चिकित्सक के साथ मरीजों का रिकाॅर्ड भी नहीं था.
संचालक ने वर्ष 2014 के बाद प्रमाण पत्र के लिए आवेदन ही नहीं किया. वृंदावन अस्पताल में सीएस कार्यालय से जारी प्रमाण पत्र मिला. एक ही वार्ड में मेल व फिमेल मरीज इलाजरत मिले. चिकित्सक का कोई पता नहीं था. किसी भी प्रश्न का कोई भी संतुष्ट जनक जवाब नहीं दे पाये.
चास के जीवनदीप अस्पताल में मिली एक्सपायरी दवा
डॉ राहुल ने कहा : चास जोधाडीह रोड स्थित आशा सखी अस्पताल में डिसप्ले बोर्ड में कई सुविधाओं का उल्लेख किया गया था. परंतु निरीक्षण के दौरान अस्पताल के अंदर कोई सुविधा टीम को नहीं मिली. चिकित्सक उपलब्ध नहीं थे. एक एएनएम कार्यरत थी, जो अप्रशिक्षित थी. एक भी मरीज दाखिल नहीं था. लेकिन अस्पताल के पास प्रमाण पत्र मिला.
चास के ही जीवनदीप अस्पताल में चिकित्सक नहीं मिले. निरीक्षण के दौरान एक्सपायरी दवा टीम को मिली. यहां किसी भी नियम का पालन नहीं किया जा रहा था. अस्पतालों में क्लिनिकल एस्टेब्लीसमेंट एक्ट का पालन नहीं हो रहा है. बायोमेडिकल वेस्टेज नियम की पूरी तरह से धज्जियां उड़ायी जा रही है.

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