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दोपहर करीब एक बजे आयेंगे महामहिम, पटना समेत सभी जिलों के लिए जारी हुआ हाइ अलर्ट

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी वर्ष समारोह में भाग लेने के लिए तीन दिवसीय दौरे पर बुधवार को पटना आ रहे हैं. दोपहर करीब एक बजे महामहिम वायु सेना के विशेष विमान से पटना एयरपोर्ट पहुंचेंगे.

पटना. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी वर्ष समारोह में भाग लेने के लिए तीन दिवसीय दौरे पर बुधवार को पटना आ रहे हैं. दोपहर करीब एक बजे महामहिम वायु सेना के विशेष विमान से पटना एयरपोर्ट पहुंचेंगे. एयरपोर्ट पर स्वागत के बाद वह सीधे राजभवन जायेंगे. फिर शाम को करीब छह बजे राजभवन में पटना हाइकोर्ट के सभी न्यायाधीशों के साथ डिनर करेंगे. उनके रात्रि विश्राम की पूरी व्यवस्था राजभवन में की गयी है.

इसके बाद गुरुवार की सुबह करीब 10 बजे वह बिहार विधानसभा परिसर में पहुंचेंगे. यहां करीब दो घंटे रहेंगे और कई कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे. सबसे पहले वह विधानसभा परिसर के सामने पार्क में बोधिवृक्ष को लगायेंगे. बोधगया में मौजूद जिस महाबोधि वृक्ष के नीचे भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी, उसकी शाखा से तैयार करके इस बोधिवृक्ष को यहां लाया गया है.

इसके बाद विधानसभा परिसर में मुख्य पार्क के पास वह एक शताब्दी स्तंभ का शिलान्यास करेंगे, जो विधानसभा भवन के शताब्दी वर्ष का प्रतीक होगा. इसके बाद महामहिम यहां आयोजित शताब्दी वर्ष समारोह में शामिल होंगे और लोगों को संबोधित करेंगे.

इस दौरान राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष, विधान परिषद के कार्यकारी सभापति, मुख्यमंत्री, दोनों डिप्टी सीएम समेत सभी मंत्री, विधान पार्षद, विधायक, आला अधिकारी समेत अन्य सभी गण्यमान्य मौजूद रहेंगे. राष्ट्रपति का संबोधन करीब 20 मिनट का होने की संभावना है.

इस दिन कार्यक्रम समाप्त होने के बाद राष्ट्रपति शाम को विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा की आेर से उनके सरकारी आवास 2, देशरत्न मार्ग में आयोजित भोज में शामिल होंगे. उनके स्वागत में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया है. इसके बाद वह रात्रि विश्राम के लिए राजभवन चले जायेंगे.

फिर अगले दिन शुक्रवार की सुबह करीब आठ बजे वह पटना जंक्शन के पास मौजूद महावीर मंदिर जायेंगे. फिर वह पटना सिटी स्थित हरिमंदिर साहिब में मत्था टेकेंगे. वहां से लौटने के क्रम में वह गांधी मैदान के पास मौजूद खादी मॉल भी जायेंगे. यहां करीब 15 मिनट रहेंगे और खादी से जुड़े सभी उत्पादों का जायजा लेंगे. इसके बाद वह विशेष विमान से नयी दिल्ली के लिए प्रस्थान कर जायेंगे.

पूरे राज्य में जारी किया गया हाइ अलर्ट

राष्ट्रपति के तीन दिवसीय दौरे के मद्देनजर पुलिस मुख्यालय ने पटना समेत सभी जिलों को हाइ अलर्ट जारी किया है. सभी थानों को पूरी तरह से अलर्ट रहने और पैट्रोलिंग समेत सभी स्तर पर चौकसी बढ़ाने का निर्देश दिया गया है. पटना जिला प्रशासन को उनकी सुरक्षा व्यवस्था का प्रबंध ब्ल्यू-बुक के हिसाब से करने के लिए कहा गया है.

इसके लिए पटना में अतिरिक्त फोर्स की भी तैनाती सभी प्रमुख चौक-चौराहों पर कर दी गयी है. राष्ट्रपति का कारकेड जिन-जिन रूट से गुजरेगा, वहां के ट्रैफिक को रोकने या डायवर्ट करने से लेकर बैरिकेडिंग की की गयी है.

रात्रि भोज पर होगी भाजपा के प्रमुख नेताओं से मुलाकात

राष्ट्रपति के सम्मान में विधानसभा अध्यक्ष के आ‌वास पर 21 अक्तूबर को आयोजित रात्रि भोज के दौरान प्रदेश भाजपा के सभी प्रमुख नेताओं से उनकी मुलाकात होगी. इनमें प्रदेश संगठन मंत्री भीखूभाई दिलसानिया, प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल के अलावा भाजपा कोटे के सभी मंत्री व अन्य प्रमुख नेता शामिल हैं.

बिहार विधानसभा : इन्फो डेटशीट

  • – 22 मार्च, 1912 को बंगाल से अलग होकर ‘बिहार एवं ओड़िशा’ राज्य अस्तित्व में आया.

  • -20 जनवरी, 1913 को राज्य की 43 सदस्यीय विधायी परिषद की पहली बैठक पटना में हुई.

  • – 07 फरवरी, 1921 को ‘बिहार एवं ओड़िशा प्रांतीय परिषद’ की पहली बैठक सर वाल्टर मोरे की अध्यक्षता में हुई, जिसे बिहार के प्रथम राज्यपाल लॉर्ड सत्येंद्र प्रसाद सिन्हा ने संबोधित किया.

  • -1920 में विधायी परिषद के लिए नये भवन का निर्माण कराया गया, जो आज बिहार विधानसभा का मुख्य भवन है.

  • -1935 के भारत सरकार अधिनियम के तहत बिहार और ओड़िशा अलग-अलग प्रदेश के रूप में अस्तित्व में आये.

  • -22 जुलाई, 1936 को 30 सदस्यों वाली बिहार विधान परिषद की पहली बैठक राजीव रंजन प्रसाद की अध्यक्षता में बिहार विधानसभा कक्ष के उत्तर उसी भवन में निर्मित नये सदन कक्ष में हुई.

  • – 20 जुलाई, 1937 को डॉ श्रीकृष्ण सिंह के नेतृत्व में प्रथम सरकार बनी.

  • – 22 जुलाई, 1937 को बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों का प्रथम संयुक्त अधिवेशन हुआ.

  • – राज्य पुनर्गठन आयोग 1956 की अनुशंसाओं पर बिहार विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों की संख्या 330 से घट कर 318 हो गयी एवं एक सदस्य मनोनीत बच गये.

  • – वर्ष 1977 में जनसंख्या वृद्धि के अनुपात में बिहार विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों की संख्या 318 सदस्यों से बढ़ कर 324 हो गयी और एक मनोनीत सदस्य पूर्ववत रहे.

  • – नवंबर, 2000 में झारखंड के गठन के बाद निर्वाचित 324 सदस्यों मेें से 82 सदस्य झारखंड विधानसभा के सदस्य हो गये. इस प्रकार बिहार विधानसभा में कुल 243 सदस्य ही शेष रह गये.

  • – वर्ष 1937 में बिहार विधान परिषद में सदस्यों की संख्या 30 थी. संविधान लागू होने के बाद यह 72 कर दी गयी. 1958 में यह संख्या बढ़ कर 96 हो गयी. 2000 में झारखंड के गठन के बाद बिहार विधान परिषद की सदस्य संख्या घट कर 75 हो गयी

Posted by Ashish Jha

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