वैशाली : बाढ़ की विभीषिका से लाखों परिवार अन्न के एक-एक दाने के लिए मुहताज हैं. वहीं, दूसरी ओर सैकड़ों क्विंटल अनाज गोदाम में सड़ रहा है. इसको देखनेवाला कोई नहीं है. यह स्थिति प्रखंड के राज्य खाद निगम के गोदाम की है, जहां सरकारी अधिकारियों की लापरवाही के कारण सैकड़ों क्विंटल अनाज कीड़े-मकोड़े खा रहे हैं. वैशाली प्रखंड के हुसैना राघव गांव में 28 जनवरी, 2016 को गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी की गयी थी.
इस दौरान गांव के ही भारत सिंह के घर से 450 क्विंटल चावल और 68 क्विंटल गेंहू, जो कालाबाजारी के लिए रखा गया था. उसे जब्त किया गया. बाद में उस अनाज को एस एफ़ सी के गोदाम में रखा गया. लगभग पिछले आठ माह से रखे गये इस अनाज की सही देखभाल नहीं होने के कारण अनाज सड़ रहा है. इसको कीड़े मकोड़े खा रहे हैं. इस संबंध में गोदाम प्रबंधक कुणाल शंकर से बताया कि वरीय पदाधिकारी से इस संबंध में कई बार पत्राचार किया गया है. कोई सुनने को तैयार नहीं है. प्रबंधक ने कहा कि समय के साथ अनाज सड़ रहा है
और उसके वजन में कमी आ रही है. इसकी भरपाई कैसे होगी, यह प्रबंधक के लिए सिरदर्द बन गया है. उन्होंने कहा कि अनाज को रखे जाने के बाद कोई इसकी जानकारी लेने नहीं आया है. अधिकारियों की इस लापरवाही के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम जन में रोष है. प्रखंड की अबुलहसनपुर पंचायत के पूर्व मुखिया एवं सामाजिक कार्यकर्ता धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि कालाबाजारी करना जितना बड़ा अपराध है, उससे बड़ा अपराध अनाज को बरबाद कर देना है. सड़ जाने के कारण अब अनाज किसी के खाने लायक नहीं रह गया है. ऐसे में जितनी बड़ी सजा कालाबाजारी करनेवालों पर होनी चाहिए. उससे कहीं ज्यादा सजा अधिकारियों और कर्मचारियों पर होनी चाहिए, जिनकी वजह से सैकड़ों क्विंटल अनाज सड़ रहे हैं.