बिहार : औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार के अंतर्गत हाजीपुर औद्योगिक क्षेत्र में लगभग सौ कल-कारखाने स्थापित हुए. इनमें हजारों कामगारों को रोजी-रोटी मिली. कालांतर में, जब यहां एक के बाद एक फैक्टरियां बंद होने लगीं, तो इनमें काम करने वाले सैकड़ों मजदूरों की रोजी-रोटी छिनती चली गयी.
फिर से बेरोजगार हुए इन कामगारों के लिए वह सुनहरा सपना आज दु:स्वप्न में बदल चुका है.औद्योगिक क्षेत्र में 18 कल-कारखाने बंद हो चुके हैं. इन बंद फैक्टरियों के सैकड़ों कामगार बेरोजगारी और घोर आर्थिक तंगी में जीने को बाध्य हैं. काम की तलाश में यहां से दूसरे प्रदेश में पलायन को मजबूर हैं. लगभग साढ़े दस करोड़ की लागत से स्थापित विभिन्न फैक्टरियों के बंद हो जाने से लगभग पांच सौ परिवारों के सामने भुखमरी की स्थिति पैदा हो गयी.
बंद पड़े उद्योगों में राज्य सरकार की तीन औद्योगिक इकाई भी शामिल हैं. कार्यशील पूंजी का अभाव, उद्यमियों में रुचि की कमी समेत कई कारण बताये जाते हैं. इन कारखानों के बंद होने के कारण जो भी हों, लेकिन इन कारखानों की चिमनियों से जब धुआं निकलना बंद हुआ, तो कामगारों के घर में चूल्हे की आग भी ठंडी होने लगी.